यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन कराने के प्रशासनिक दावे परीक्षा से दो दिन पहले ही नकल माफिया ने तार-तार कर दिए थे। उसने नगरा क्षेत्र में डुप्लीकेट कॉपियां बेचना शुरू कर दिया था। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। 

23 मार्च को अखबारों में भी छपी, पर कार्रवाई न होने से नकल माफिया के हौसले बढ़ गए और पेपर लीक करने में कामयाब हो गए। पांच दिन बाद प्रशासन ने दो स्टेटिक मजिस्ट्रेटों को लापरवाही के आरोप में निलंबित किया है।

स्टेटिक मजिस्ट्रेट की ही जिम्मेदारी थी कि वह अपनी देखरेख में प्रश्नपत्र के पैकेट खुलवाएंगे और परीक्षार्थियों में वितरण कराएंगे, लेकिन ज्यादातर केंद्रों पर यह केवल कागजों तक ही सीमित रह गया। पांच दिन बाद सोमवार को शासन की टीम ने भी परीक्षा केंद्रों की जांच शुरू की, तो सीयर ब्लॉक के दो केंद्रों में लापरवाही व अनियमितताएं सामने आईं। 

इस पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट रहे ग्राम विकास अधिकारी राम किशोर व अखिलेश कुमार को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, प्रधानाचार्य व प्रबंधक पर पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका था। उधर, अंग्रेजी का पर्चा लीक होने की एसटीएफ ने जांच शुरू की है। 

पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मांग 
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने कहा है, पत्रकारों पर फर्जी मामले दर्ज किया जाना बंद हो और बलिया पर्चा लीक मामले में गिरफ्तार पत्रकार तत्काल रिहा किए जाएं। संस्था ने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया, पुलिस ने उन पत्रकारों को जानबूझकर आरोपी बनाया, जिन्होंने सच उजागर किया था। 

बेल्थरा रोड के केंद्र में भी मिली प्रश्नपत्र के पैकेट में छेड़छाड़ 
इस बीच मंगलवार को बेल्थरारोड स्थित मां लचिया मूरत उमा यादव उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य व केंद्र व्यवस्थापक अच्छे लाल यादव व प्रबंधक के खिलाफ भी डीआईओएस ने उभांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जिले के केंद्रों में इंटर अंग्रेजी के प्रश्नपत्रों के पैकेटों की फिर से सूक्ष्मता से जांच की गई तो उक्त केंद्र में प्रश्नपत्रों के एक पैकेट के ज्वाइंट में छेड़छाड़ मिली।

उसे ब्लेड से काटकर गोंद से चिपकाया गया था। जांच अधिकारियों ने परीक्षा केंद्र से प्रयोग किया गया गोंद भी जब्त किया है। मामले में जिला प्रशासन के निर्देश पर परीक्षा केंद्र से संबंधित स्टाफ को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।