योगेंद्र सागर

छात्रा के अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म में फंसने के बाद पूर्व विधायक योगेंद्र सागर ने भी छात्रा के परिवार को फंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। छात्रा के भाई पर एक लड़की के अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था। उस मामले में फर्जी सिम का इस्तेमाल हुआ जो बाद में पुलिस व सागर पक्ष के गले की हड्डी बन गया। छात्रा के पिता की ओर से योगेंद्र सागर व तत्कालीन सीओ-एसओ आदि पर मामला दर्ज कराया गया। पर इसे भी विवेचक ने निपटाकर तीन अन्य को दोषी बना दिया। दरअसल, एक युवती के अपहरण की रिपोर्ट छात्रा के भाई व पिता के खिलाफ दर्ज कराई गई थी। इसमें जो सिम इस्तेमाल किया गया, वह पीड़िता के भाई के नाम से जारी हुआ था। जांच के दौरान सामने आया कि सिम फर्जी आईडी पर लिया गया था। सिम लेने के लिए जिस आईडी का इस्तेमाल किया गया था उस पर फोटो, नाम और पिता का नाम तो पीड़िता के भाई का था पर पता, मतदाता पहचान पत्र नंबर आदि आरोपी तेजेंद्र सागर का था। 

yogendra sagar

पीड़ित पक्ष का कहना है कि सिम लेने के लिए फर्जी आईडी तैयार कराई गई। स्थिति साफ होने पर पीड़िता के पिता ने परिवाद दाखिल किया। इस पर कोर्ट के आदेश पर जुलाई 2010 में पुलिस ने धोखाधड़ी, साजिश, जालसाजी, आईटी एक्ट आदि धाराओं में योगेंद्र सागर, तेजेंद्र सागर, तत्कालीन सीओ सहसवान सेंसरपाल, एसओ बिल्सी रामप्रकाश, एसआई कृष्णपाल, आरके कम्युनिकेशन के स्वामी, कथित अपहृत युवती और उसके भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। 

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गौर करने वाली बात यह है कि इस मामले में भी पुलिस ने सागर पक्ष का बखूबी साथ निभाने के साथ ही अफसरों को भी बचा लिया। फरवरी 2014 में चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी। चार्जशीट में विवेचक ने पुलिस अधिकारियों के साथ योगेंद्र सागर को भी क्लीनचिट दे दी। जबकि तेजेंद्र सागर, युवती के भाई और सिम विक्रेता को आरोपी बनाया गया। मामले में सुनवाई चल रही

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साजिश और फर्जीवाड़े में विधायक, पुलिस अधिकारी भी थे शामिल
पीड़ित पक्ष का कहना है कि फर्जी आईडी से सिम जारी कराने और इसी सिम का साजिशन अपहरण में इस्तेमाल करने के पीछे तत्कालीन विधायक योगेंद्र सागर, सीओ सहसवान, एसओ बिल्सी और एक इंस्पेक्टर भी शामिल थे।

पुलिस ने किसी न किसी दबाव के कारण योगेंद्र सागर और पुलिस अधिकारियों को क्लीनचिट दी। मामला कोर्ट में है अभी फैसला आना बाकी है। पीड़िता के भाई का कहना है कि जब तक सभी आरोपियों को सजा नहीं होगी तब तक वह लड़ाई जारी रखेंगे।