बदायूं के सथरा गांव में हुए तिहरे हत्याकांड में भले ही पुलिस ने हमलावरों की पहचान होने से इनकार किया है, लेकिन इतना जरूर है कि हत्यारे कई दिन से राकेश की रेकी कर रहे थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हें पूरी तरह से पता था कि घर में कौन-कौन मौजूद है और राजेश गुप्ता कहां गए हुए हैं। हमलावरों ने इस हत्याकांड को अंजाम देने का समय भी देर शाम चुना। उस वक्त मोहल्ले के लोग अपने-अपने घरों में मौजूद थे। राकेश गुप्ता भी गेट पर बैठने के बाद अपने घर चले गए थे। इस हत्याकांड के दौरान घर में केवल राकेश गुप्ता, उनकी बीमार पत्नी और बुजुर्ग मां मौजूद थीं। उनके अलावा घर में चौथा व्यक्ति नहीं था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हत्यारे कई दिन से उनकी रेकी कर रहे थे। हत्यारे तब से और सक्रिय हो गए थे, जब वह दिवाली से एक दिन पहले गांव पहुंचे थे। इसमें किसी नजदीकी व्यक्ति के भी शामिल होने की चर्चा है।
बताया जा रहा है कि उसी के माध्यम से उनकी सूचना हत्यारों तक पहुंच रही थी। अनुमान है कि सोमवार शाम की भी पूरी सूचना दी गई। इससे हत्यारों ने उनके घर में घुसकर खूनी खेल खेला और चुपचाप घर से निकल गए।
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सपा नेता की कनपटी, पत्नी और मां के सीने पर मारी गोली
सपा नेता और उनकी मां व पत्नी की हत्या के बाद काफी देर तक यह पुष्ट नहीं हुआ कि उन्हें कितनी और कहां गोली मारी गई है। हालांकि रात साढ़े 11 बजे जब उनके शव पोस्टमार्टम को ले जाए गए, तब उनके कुछ नजदीकियों ने बताया कि हत्यारों ने राकेश गुप्ता की कनपटी पर गोली मारकर हत्या की है जबकि उनकी मां और पत्नी की सीने पर गोली मारी गई है।
हैरानी की बात: तीन हत्याएं, लोगों ने गोली की आवाज तक नहीं सुनी
अब तक चर्चाओं पर गौर करें तो इस तिहरे हत्याकांड का कोई प्रत्यक्षदर्शी सामने नहीं आया है और न ही किसी ने हमलावरों के घर से निकलते हुए देखने का दावा किया है। तो वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि घर में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई लेकिन मोहल्ले के एक व्यक्ति ने भी गोली चलने की आवाज तक नहीं सुनी। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद उन्हें नजदीक से सटाकर गोली मारी गई है। इससे लोगों तक गोली चलने की आवाज नहीं पहुंची।
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बंद घर में कैसे हुई हत्या
सवालों के घेरे में यह बात भी आ रही है कि बंद घर में हत्या कैसे हो गई। क्योंकि जिस व्यक्ति ने सबसे पहले मृत लोगों को देखा उसे छत के सहारे अंदर झांकना पड़ा। घर के दरवाजे अंदर से बंद थे।
एक से ज्यादा हो सकते हैं हत्यारे
जिस तरह तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, उससे माना जा रहा है कि इसमें एक से ज्यादा हत्यारे हो सकते हैं। उन्होंने अलग-अलग ही तीनों लोगों की गोली मारकर हत्या की है। अगर पहले एक व्यक्ति को गोली मारते तो शायद कोई न कोई शोर मचा देता लेकिन इस तरह की बात भी सामने नहीं आई है।
तीन लोग दबोचे
परिवार वालों ने जिन लोगों पर हत्या की आशंका जताई है, उनके आधार पर थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत उसके बेटे व एक अन्य को हिरासत में ले लिया है। हालांकि अभी उनसे पूछताछ नहीं की गई है। देर रात उनसे पूछताछ की जाएगी।
भाजपा नेता है आरोपी
सपा नेता के परिवार वाले जिन लोगों पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। वह भाजपा नेता है। साथ ही एक विधायक का ज्यादा करीबी है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसने विधायक का चुनाव लड़ाया था। उसी दौरान उस पर भाजपा का क्षेत्रीय पद भी रहा था। पूरे घटनाक्रम में राजनीतिक रंजिश ही सामने आ रही है। इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं।
वर्ष 2015 में जिला पंचायत का चुनाव जीते थे राकेश
राकेश गुप्ता का राजनीतिक सफर काफी पुराना है। वह बसपा सरकार के दौरान उसावां के ब्लॉक प्रमुख रहे। वर्ष 2015 में जिला पंचायत सदस्य बने। इसी साल उनके भाई राजेश उसावां के ब्लॉक प्रमुख बने। इस समय गांव के प्रधान हैं। इससे पहले भी प्रधान रहे हैं। 2010 में राजेश की पत्नी संध्या गुप्ता ब्लॉक प्रमुख बनी थीं। इनकी मां भी ग्राम प्रधान रहीं थीं। इसी दौरान राजनीतिक वर्चस्व की जंग लगातार चली आ रही है।