lakhimpur kheri violence

लखीमपुर के तिकुनियां बवाल मामले में सोमवार को किसानों और प्रशासन में समझौता होने के करीब 15 घंटे बाद मंगलवार को इस बवाल की चिंगारी पलिया तहसील के चौखड़ा फार्म में फिर से भड़क उठी। मृतक किसान लवप्रीत के परिजन ने बहराइच के किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को गलत बताते हुए अपने पुत्र का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। उधर, खबर मिलने पर धौरहरा के मृतक किसान नक्षत्र सिंह ने भी अंतिम संस्कार रोक दिया। मामले की सूचना जब समझौते के मध्यस्थ रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत को दी गई तो खीरी से एक दिन पहले ही रवाना हुए टिकैत फिर खीरी लौट आए और करीब सवा घंटे की वार्ता के बाद उन्होंने परिजन को मना लिया। उनकी मौजूदगी में ही मृतक किसान लवप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार करवाया।

पढ़ने के लिए कनाडा जाना चाहता था लवप्रीत सिंह
तिकुनियां बवाल में जान गंवाने वाले 19 साल के लवप्रीत सिंह की मौत की बाद उनके घर में मातम पसरा है। घरवालों का कहना है कि कार के नीचे आकर न सिर्फ इकलौता चिराग बुझ गया, पूरे घर के सपने चकनाचूर हो गए।

लवप्रीत का फाइल फोटो

दुख की इस हालत में परिवार वाले बात करने को राजी नहीं हुए, लेकिन सामान्य बातचीत में रिश्तेदारों ने बताया कि सामान्य किसान परिवार में जन्मे 19 वर्षीय लवप्रीत सिंह की आंखों में बड़े-बड़े सपने थे। 

विलाप करते लवप्रीत के परिजन

इंटरमीडिएट तक पढ़ाई पूरी करने के बाद अब वह आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन यह किसे पता था कि कनाडा जाने के बजाय उसे अंतिम सफर पर निकलना पड़ेगा।

lakhimpur kheri violence

लवप्रीत अपनी दो बहनों 17 वर्षीय गगनदीप और 15 वर्षीय अमनदीप का इकलौता भाई और अपने माता-पिता की आंखों का तारा था। लवप्रीत की मौत के साथ उसके घर का चिराग बुझ गया है। 

lakhimpur kheri violence

लवप्रीत ने इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा जाने की तैयारी कर रहा था। जिसके लिए हाल में ही परीक्षा दी थी जिसमें उसने अच्छे अंक हासिल किए थे।

Lakhimpur Kheri Violence

कृषि कानून के खिलाफ तिकुनिया कस्बे में आ रहे प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को काले झंडे दिखाने के लिए लवप्रीत सिंह तिकुनिया गया था, जहां विरोध प्रदर्शन के दौरान उसे गाड़ियों से कुचल दिया गया। गाड़ी के पहियों के नीचे न सिर्फ लवप्रीत का शरीर रौंदा गया, बल्कि माता सतविंदर कौर और पिता सतनाम सिंह के सपने भी कुचल गए।

लवप्रीत की बेसुध मां

लवप्रीत सिंह के परिवार के पास तीन एकड़ जमीन है। इसी में पूरे परिवार का गुजारा चलता है। परिवार की आर्थिक बेहतरी की सारी उम्मीदें लवप्रीत पर टिकी थीं, लेकिन वह उम्मीदें चकनाचूर हो गईं। परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल हो गया है।

लवप्रीत की बहनें

लवप्रीत की बहनें बोलीं, हमें इंसाफ चाहिए मदद की कोई जरूरत नहीं
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में मृतक लवप्रीत की बहन मनप्रीत कौर ने सरकार से गुहार लगाई  है कि उसे मदद की जरूरत नहीं है। बल्कि भाई की मौत पर उसे इंसाफ चाहिए ही चाहिए। हालांकि उसने अंतिम संस्कार के बाद इंसाफ मिलने पर संशय जताया है