कानपुर के कुरसौली में अनजान बुखार से हुई 11 मरीजों की मौत अभी भी राज बनी हुई है। गांव में जांच करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम बीमारी की जड़ तक नहीं पहुंच पाई। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों ने सीएमओ को अपनी एक रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं हो पाई।

लैप्टो स्पायरोसिस का शक जाहिर किया गया है, लेकिन शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने जो 20 सैंपल भेजे थे, शनिवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। रिपोर्ट में डेंगू और अंजान वायरल फीवर के  प्रकोप का भी जिक्र है, लेकिन स्क्रब टाइफस को क्लीन चिट दे दी गई। टीम को खासतौर पर उस बीमारी की पहचान के लिए भेजा गया था जो लोगों की जान ले रही है।

वह बीमारी टीम नहीं पकड़ पाई। कुरसौली में मौतों के ऑडिट के संबंध में टीम ने अभी रिपोर्ट नहीं दी है। मेडिकल कालेज के विशेषज्ञों की टीम को दो रिपोर्ट देनी थी। एक रिपोर्ट महामारी के प्रकोप के संबंध में और दूसरी कुरसौली में मौतों के ऑडिट की। सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि महामारी के संबंध में टीम ने रिपोर्ट दे दी।

 
चूहों के प्रकोप की वजह से लैप्टो स्पायरोसिस का शक रहा लेकिन सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव है। अभी 10 सैंपल लैप्टोस्पायरोसिस की जांच के लिए और भेजे गए हैं। स्क्रब टाइफस के प्रकोप के संबंध में टीम ने कोई संकेत नहीं दिया है। यह भी सवाल अनुत्तरित रह गया कि रोग कुरसौली की ही चौहद्दी में रहा, दूसरे गांव में क्यों नहीं पहुंच पाया?

सर्वे के लिए 10 पेज का प्रपत्र लोगों से भरवाया गया था। इसके अलावा टीम ने पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई। गंदगी साफ करने को कहा है। फॉगिंग, लार्वासाइडल का छिड़काव आदि का मशविरा दिया गया है। सीएमओ डॉ. सिंह ने बताया कि कुरसौली में रोगियों की मौत के ऑडिट की रिपोर्ट रविवार या सोमवार को मिलेगी।

लैप्टो, डेंगू, मलेरिया नहीं तो फिर क्या है?
स्वास्थ्य विभाग ने जिन 20 लोगों की लैप्टोस्पायरोसिस की जांच कराई है। उनकी रिपोर्ट डेंगू और मलेरिया निगेटिव रही है। फिर भी वे बुखार की चपेट में रहे हैं। अब लैप्टोस्पायरोसिस की भी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। सवाल उठ रहा है कि लैप्टो, डेंगू, मलेरिया नहीं तो रोगियों को कौन सा मर्ज है? अगर समझ में नहीं आ रहा है तो स्वास्थ्य विभाग को दिल्ली या पुणे सैंपल भेजकर वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में इसकी जांच करानी चाहिए। अंजान बुखार से 11 लोगों की मौत हो चुकी है।