इत्र कारोबारी के घर से करोड़़ों रुपये बरामदगी के मामले में डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस अहमदाबाद की टीम ने अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय की अदालत में पीयूष जैन के खिलाफ 334 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया है। पीयूष की पत्नी को आरोप पत्र की प्रति भी दे दी गई है। 

कोर्ट ने भी आरोप पत्र का संज्ञान ले लिया है। मामले में पांच और लोगों के खिलाफ अभी विवेचना जारी है। उनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया जा सकता है। जीएसटी के विशेष लोक अभियोजक अम्ब्रीष टंडन ने बताया कि पीयूष जैन के पास से कुल 196 करोड़ 57 लाख 2 हजार 539 रुपये बरामद हुए थे। 

कानपुर के आनंदपुरी स्थित घर से 177 करोड़ 45 लाख 1 हजार 240 रुपये, कन्नौज स्थित घर से 19 करोड़ 3 लाख 1 हजार 289 रुपये तथा कन्नौज में पीयूष के बैंक लॉकरों से 9 लाख 10 रुपये बरामद हुए थे। आरोप पत्र में 16 गवाह बनाए गए हैं। इनमें एसबीआई कानपुर की मुख्य शाखा के मैनेजर, एसबीआई कन्नौज की सरायमीरा शाखा के मैनेजर सहित डीजीजीआई टीम के अफसर शामिल हैं। 

डीजीजीआई अहमदाबाद यूनिट के एडीजी विवेक प्रसाद की अनुमति के बाद चार्जशीट दाखिल की गई है। कोर्ट ने आरोप का संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है। 8 मार्च को पीयूष को जेल से कोर्ट में तलब किया गया है। पीयूष के अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने बताया कि चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है। पीयूष पर लगे आरोप निराधार हैं। कोर्ट में जल्द ही जमानत अर्जी दाखिल की जाएगी।

बयान में स्वीकारा, बरामद रकम टैक्स चोरी की

कोर्ट की अनुमति के बाद जेल में बंद पीयूष से चार दिन पूछताछ करने के साथ ही बयान दर्ज किए गए थे। इसमें पीयूष ने स्वीकारा था कि बरामद सारी रकम उसी की है। तीन-चार सालों से वह बिना टैक्स जमा किए व्यापार करता था। बरामद रकम के संबंध में किसी भी क्रेता या विक्रेता का नाम नहीं बता सका था। पीयूष मेसर्स ओडोसेंथ आईएनसी, फ्लोरा नेचुरले व ओडोकैम इंडस्ट्रीज नाम की तीन फर्म का मालिक है। इसके अलावा और फर्म में भी इसकी हिस्सेदारी है।

बरामद सोने व चंदन के तेल की जांच जारी
पीयूष के पास से टैक्स चोरी के पकड़े गए नकद रुपयों के बारे में आरोप पत्र तो कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है लेकिन उसके पास 23 किलो सोना और छह ड्रम चंदन का तेल भी बरामद हुआ था। इस संबंध में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) व कस्टम विभाग की टीमें अलग से जांच कर रही हैं।

पांच साल तक की सजा का प्रावधान
सीजीजीएसटी एक्ट की धारा 132(1) आई के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। पीयूष पर लगा आरोप गैर जमानती अपराध है। जिसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।

कुल 52 पेज में दर्ज किए बयान
अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने बताया कि कोर्ट में दाखिल 334 पेज की चार्जशीट में पीयूष के बयान ही 52 पेज के हैं। डीजीजीआई टीम ने पीयूष को न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले 25 दिसंबर 2021 को पीयूष के 23 पेज के बयान दर्ज किए थे। इसके बाद जेल में बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट से तीन दिन की अनुमति मिली थी जिसमें 6 जनवरी 2022 को 10 पेज के, 7 जनवरी को 9 पेज के और 8 जनवरी को 7 पेज के बयान दर्ज किए गए। 5 फरवरी को दोबारा कोर्ट से अनुमति लेकर टीम जेल पहुंची और 3 पेज के बयान दर्ज किए थे।

बरामद रकम कराई एफडी, मिल रहा ब्याज

अम्ब्रीष टंडन ने बताया कि पीयूष के पास से बरामद 196.57 करोड़ रुपये सरकारी संपत्ति है। बरामद रकम राष्ट्रपति के नाम से फिक्स्ड डिपॉजिट करा दी गई है। इस रकम से अब तक लगभग एक करोड़ रुपये ब्याज भी सरकार को मिल चुका है।