भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत फिलहाल लखीमपुर खीरी में मौजूद हैं। वह यहां पर रात को ही आ गए थे। सबसे पहले उन्होंने मृतक किसानों के परिजनों व स्थानीय किसानों से बातचीत करके पूरा घटनाक्रम जाना। इसके बाद वह किसानों के बीच बैठे हुए हैं। मृतक चार किसानों के शवों का अभी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। किसानों का दो टूक कहना है कि पहले उनकी मांग पूरी की जाए, फिर अंतिम संस्कार किए जाएंगे। ‘दैनिक भास्कर’ ने इस पूरे एपिसोड पर राकेश टिकैत से खास बातचीत की।

आपको क्या लगता है, यह हिंसा अचानक हुई या प्रायोजित थी?
लखीमपुर खीरी की हिंसा पूरी तरह प्रायोजित है। एक साजिश के तहत यह सब किया गया है। काफी दिनों से मंत्री व उनके बेटे साजिश रच रहे थे। किसानों को उग्र आंदोलन के लिए उकसा रहे थे। मौका पाते ही मंत्री समर्थकों ने बड़ी घटना कर दी।

इस हिंसा को कैसे देखते हैं?
यह किसानों की मौत नहीं, पूर्ण रूप से हत्या है। हत्या के लिए मंत्री के बेटे ने शस्त्रों का इस्तेमाल किया है। किसानों को गाड़ियों से कुचला गया। उन पर गोलियां भी चलाई गईं। यह सबने देखा है, लेकिन पुलिस अब तथ्यों को छिपाने में लगी हुई है।
मंत्री कह रहे हैं कि उनका बेटा वहां मौजूद नहीं था?
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का यह बयान सबसे बड़ा झूठ है। वह बेटे को बचाने के लिए झूठ बोल रहे हैं। फोटो-वीडियो सामने आए हैं। किसान सीधे तौर पर आरोप लगा रहे हैं। हादसाग्रस्त एक गाड़ी खुद मंत्री के नाम पर है। मंत्री के बेटे ने इस गाड़ी से चार किसानों को कुचला है।
क्या प्रमुख मांग हैं और आगे क्या करेंगे?
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए। इस पूरी हिंसा की न्यायिक जांच हो। मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए। मंत्री, उनके बेटे व अन्य सभी दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करके तुरंत गिरफ्तारी की जाए। ये सभी मांग पूरी होने तक हम यहीं रहेंगे। हम पुलिस-प्रशासन और सरकार को अल्टीमेटम दे चुके हैं।