बैंक ला एमेंडमेंट बिल के विरोध में 16 और 17 दिसंबर को होने वाली हड़ताल का उप्र में व्यापक असर देखने को मिलेगा। बैंक यूनियनों का दावा है कि इस दौरान पूरे प्रदेश में एक भी सरकारी बैंक बंद नहीं खुलेंगे। इसके साथ निजी बैंकों को भी बंद कराया जाएगा। ऐसे में अगर कोई बहुत जरूरी काम है तो 15 दिसंबर तक करा लें। 16 दिसंबर को गुरुवार और 17 दिसंबर शुक्रवार को बैंक बंद रहेंगे। इसके बाद 18 दिसंबर शनिवार को बैंक खुलेंगे लेकिन 19 को फिर रविवार होने की वजह से बैंक बंद हो जाएंगे। ऐसे में चार में तीन दिन बैंकों में बंदी रहेगी।
बताया जा रहा है कि उप्र में इस दौरान करीब 7000 से ज्यादा बैंक और करीब 50 हजार से कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। इस दौरान दो दिन में 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन – देन प्रभावित हो सकता है। अकेले लखनऊ में करीब 8 हजार कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। इस दौरान 700 से ज्यादा शाखाएं बंद रहेंगी। इस दौरान एटीएम पर केस की समस्या भी हो सकती है।
निजीकरण को बढ़ावा देना चाहती सरकार
बैंक यूनियनों का कहना है कि यह बहुत बड़ा खेल है। इसके माध्यम से निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बर्बाद किया जाएगा। ऐसे में किसी भी स्थिति में इसको स्वीकार नहीं किया जाएगा। बैंक कर्मचारी यूनियन के नेता अनिल तिवारी का कहना है कि सरकार बड़ी तेजी से बिलों को संसद में लाती है और उसे बिना किसी चर्चा के पास कर दिया जाता है। इसका खामियाजा आम जनता को भी भुगतना पड़ता है।
दो बैंकों के निजीकरण का किया था ऐलान
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट पेश करने के दौरान 2 बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था। बताया जा रहा है कि सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही संसद के शीत कालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने की तैयारी की जा रही है। इसका विरोध बैंक कर्मचारियों के साथ देश की ज्यादातर ट्रेड यूनियनें कर रही हैं।