
अखिलेश और जयंत हेलीकॉप्टर से एक-साथ आए तो पहले रैली स्थल का राउंड लिया। हेलीकॉप्टर उतरने के बाद दोनों मंच पर पहुंचे तो बेकाबू भीड़ डी तोड़ते हुए मंच तक पहुंच गई। मीडिया के लिए बना स्टेज भी टूट गया। मंच पर चढ़ने वालों को अखिलेश के सुरक्षाकर्मियों ने मंच से धक्का देकर नीचे फेंक दिया। इसमें कई पत्रकार व कैमरामैन भी गिरकर चोटिल हो गए। पास ही बैठी तीन महिलाओं को भी चोट लगी। पुलिस भी भीड़ को नहीं रोक पाई। मीडिया स्टेज के पास बैठी तीन महिलाएं भी उसकी चपेट में आ गई, लेकिन वहां पर मौजूद कार्यकर्ताओं और मीडिया कर्मियों ने महिलाओं को बचा लिया।
हेलीकॉप्टर तक पहुंचे लोग, उड़ने में हुई देरी
जयंत और अखिलेश का काफिला जब हेलीपैड पर पहुंचा तो कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई। बड़ी मशक्कत के उन्हें हेलीकॉप्टर में बैठाया गया। हेलीकॉप्टर उड़ने के लिए तैयार था, तो एक कार्यकर्ता दौड़कर पानी देने पहुंच गया। वह हेलीकॉप्टर की पंखे से कटने से बाल-बाल बचा। एक दरोगा ने भागकर उसे दबोचा।
रैली से लौटते समय कार्यकर्ता आपस में भिड़े
दबथुवा में आयोजित सपा और रालोद की परिवर्तन संदेश रैली से लौटते वक्त कार्यकर्ता कंकरखेड़ा में आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों में जमकर लात-घूंसे चले। इस दौरान सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत किया।
ओवरटेक करने के चक्कर में बस की साइड कार के पिछले हिस्से में लग गई। जिस कारण कार पीछे से क्षतिग्रस्त हो गई। कार सवार कार्यकर्ताओं ने बस चालक के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। बस चालक ने विरोध किया तो कार सवार कार्यकर्ताओं ने उसके साथ जमकर मारपीट की। बस सवार कार्यकर्ताओं ने चालक को बचाते हुए बीच बचाव किया।
इसके बाद दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे की लात-घूसों से मारपीट की। इस दौरान सड़क पर जाम लग गया। वहीं सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत किया। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
करनाल हाईवे पर लगा लंबा जाम
रैली के दौरान और रैली खत्म होने के बाद भी कई घंटे तक करनाल रोड पर कई किलोमीटर तक भयंकर जाम लगा रहा। रैली करनाल हाईवे के किनारे खेत में आयोजित की गई थी। कार्यकर्ताओं और लोगों में उत्साह था और वे ट्रैक्टर-ट्रॉली, गाड़ी, बस, टेंपो, डीसीएम में पहुंचे। इस कारण सुबह से ही जाम के हालात रहे।
वहीं रैली के बाद भी करीब दो घंटे जाम खुलने में लगे। दबथुवा से लेकर कंकरखेड़ा हाईवे पर रुक-रुक कर जाम लगता रहा। दुपहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो रहा था। स्कूली बच्चों की बसें भी जाम में फंसी हुई थीं। कार्यकर्ता और जनता जाम से जूझती रही, लेकिन पुलिस प्रशासन की व्यवस्था नहीं थी।