जेल से रिहा होने के बाद रामपुर पहुंचते ही अब्दुल्ला आज़म ने अपने पिता और सपा सांसद आजम खां की जान को खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि जितना ज़ुल्म हो सकता था, वो हुआ। आज भी मेरे वालिद (आज़म खां) की जान को खतरा है। उनको कुछ हुआ तो सरकार और जेल प्रशासन ज़िम्मेदार होगा। चित्रकूट जेल में क्या हुआ। यूपी की बाकी जेलों में क्या हो रहा है। सरकार ने इलाज में नौ दिन देरी कराई, क्या कर सकते हैं।
अब्दुल्ला आज़म बोले कि ये चुनाव अवाम बनाम सरकार होगा। प्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत खराब है। रामपुर वालों की हड्डियां तोड़ने ओर भैंस और बकरी चोरी में जेल भेजने के लिए पुलिस है। पुलिस के इंस्पेक्टर गैंग रेप में पकड़े जाते हैं। उन्होंने कहा कि 8 बाई 10 की कोठरी, जिसमें दो फुट का टॉयलट था, में रहते थे। आज मेरे वालिद (आज़म खान) बेगुनाह बंद हैं एक ऐसे मुकदमे में, जिसमे सात लोग अग्रिम जमानत पर बाहर है। एक अकेले आज़म खान साहब जेल में हैं।
कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर कर रहे शोषण- अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर शोषण कर रही है। घर तक पर लोग नही आ सकते है। कमिश्नर साहब ने मना कर दिया होगा। हमारे साथ जितनी ज़्यादती हो सकती थी हुई। और जो रह गई है वो भी कर लो।
अब्दुल्ला आज़म ने कहा कि जेल से निकला था तो कोई मेरी मोहब्बत में मुझे लेने आता है तो मैं मना नही कर सकता। कोई काफिला नही था। कोविड प्रोटोकॉल का कोई उलंघन नही हुआ। उन्होंने कहा कि इस मंडल में मौजूदा अधिकारियों के होते निष्पक्ष चुनाव नही हो सकता। चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि कहावत है कि डूबती हुई नाव से सब भागते हैं। भाजपा ने उनके साथ जो सुलूक किया है, वो दुनिया जानती है।