Site icon UP News | Uttar Pradesh Latest News । उत्तर प्रदेश समाचार

BJP नेता ने ईडी को दिए साक्ष्य, नोटबंदी के दौरान आजम खां के जौहर को दान में मिले थे 222 करोड़

सपा के कद्दावर नेता और रामपुर (Rampur) के सांसद मो. आजम खां (Azam Khan) डेढ़ साल से सीतापुर जेल में बंद हैं. इतने लंबे समय से जेल में बंद होने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. सांसद आज़म खां पर कानूनी शिकंजा और कसता जा रहा है. अब मामला जौहर ट्रस्ट को मिले करोड़ों रुपये के दान का है. वैसे तो इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कसा हुआ है, लेकिन भाजपा नेता और शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने आज़म खान पर आरोप लगाया है कि सपा सरकार में जब आज़म खां मंत्री रहे तब ही उन्हें सबसे ज्यादा करोड़ों रुपये का दान मिला.

आरोप नोटबंदी के समय मिले दान पर भी है. कहा गया है कि जब पूरे देश में नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई थी उस समय भी जौहर ट्रस्ट को सबसे अधिक करीब 222 करोड़ का दान मिला. इसके साक्ष्य आकाश सक्सेना ने ईडी को दिए हैं, जिसके बाद ईडी आज़म खान के जौहर ट्रस्ट को मिले दान के दस्तावेज खंगालना शुरू कर दिए.

1995 में खोला गया आज़म खान के जौहर ट्रस्ट का एकाउंट

रामपुर के सपा सांसद मो. आज़म खान का एक जौहर ट्रस्ट है, जिसमें उनके परिवार के सदस्य हैं. ट्रस्ट पर आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी और रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम पर ज़मीन हड़पने और अधिग्रहण करने का आरोप है. साथ ही ट्रस्ट को मिले करोड़ों रुपये का दान भी सवालों के घेरे में है. इसी को लेकर भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कई विभागों में इसकी शिकायत की थी. अब आज़म खान को मिले करोड़ों रुपये के मामले की जांच चल रही है.

इस मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने बताया कि मार्च 2021 में हमारे द्वारा एक शिकायत की गई थी. आजम खान का जो जौहर ट्रस्ट है उस ट्रस्ट उसका एकाउंट 1995 में खोला गया था. शिकायत यह थी कि आजम खां जब जब सपा की सरकार में मंत्री रहे तब उन्हें काफी दान मिला. चाहे वो 2002 से लेकर 2007 की बात रही हो या 2012 से लेकर 2017 की. आजम जब जब मंत्री रहे तब तब आजम के एकाउंट में डोनेशन की जो राशि है वह बहुत जबरदस्त तरीके से दी गई है.PROMOTED CONTENTBy A

कब कितना मिला दान

पहली बार जब 2002 से 2007 तक जब आज़म खान मंत्री रहे तब लगभग 97 करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में उनके पास आया. उसके बाद 2012 से 2017 तक जब मंत्री रहे तब लगभग चार सौ करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में दिया गया.

नोटबंदी में सबसे ज्यादा मिला पैसा

आकाश सक्सेना हनी ने बताया कि इनमें महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि उस चार सौ करोड़ में दो सौ बाइस करोड़ रुपये 15, 16 और 17 जो नोटबंदी के साल थे उस साल सबसे ज्यादा रुपया इन्होंने डोनेशन के रूप में लिया. हमने शिकायत की थी कि जो डोनेशन देने वाले लोग हैं उनकी पूरी जांच होनी चाहिए कि वो इस लायक थे या नहीं. उनका आरटीआर है कि वो डोनेशन दे सकते हैं. इसके अलावा उनके ट्रस्ट की जो वेलेंस शीट है 1995 से लेकर अब तक कि वो सारी सब्मिट की गई है. आकाश सक्सेना ने बताया कि आज की डेट में लगभग पांच सौ करोड़ के ऐसेट्स हैं. उसकी मैंने मांग की थी. उसकी भी पूरी जांच होनी चाहिए.विज्ञापन

सूचना के अधिकार और कई तरफ से जुटाए साक्ष्य

आकाश सक्सेना ने बताया कि आजम खां के जितने भी अलग अलग मामले चल रहे हैं उन मामलों में से कई चीजों में सूचना के अधिकार से साक्ष्य जुटाए गए. बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो इन्होंने स्वयं अपने रिकॉर्ड में लगा रखी थीं.

Exit mobile version