केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर के विभिन्न हिस्सों में लगातार दूसरे दिन भी युवाओं का विरोध-प्रदर्शन जारी है। जहां बिहार में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी और पथराव किया तो वहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आक्रोशित छात्र बड़ी संख्‍या में सड़कों पर उतर आए हैं। इसी बीच बुलंदशहर में सड़क पर उतरे आक्रोशित छात्रों ने कहा कि सरकार ने अग्निपथ योजना के जरिए युवाओं के बेरोजगारी के दलदल में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि हम सरकार की ये तानाशाही नहीं सहेंगे।

मांग न पूरी होने की बात पर आक्रोशित छात्रों ने कहा कि हम जान दे देंगे। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इन युवओं का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि देश के भावी सैन्य बलों पर बल का दुरुपयोग करके भाजपा सरकार युवाओं का मनोबल गिरा रही है। भारत माता का उद्घोष झूठे दिखावे का नहीं; सच्ची देशभक्ति का प्रतीक होना चाहिए। सेना का ठेकेदारीकरण देश और सच्चे देश भक्त युवाओं के लिए विश्वासघात के समान है। फोज आउटसोर्स का विषय नहीं है।

चार साल बाद हम लोग कहां जाएंगे
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं। इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए। जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे। इसलिए हम लोग सड़कों पर उतरे हैं। प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है।

अग्निपथ योजना के खिलाफ बीजेपी में भी आवाजें उठनें लगी हैं। सांसद वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि अग्निपथ योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे। जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।

अग्निपथ स्कीम के खिलाफ राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई डायरेक्ट भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान। देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनिए, इन्हे ‘अग्निपथ’ पर चला कर इनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ मत लीजिए, प्रधानमंत्री।