इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बैक पेपर, ट्रांसस्क्रिप्ट, डिग्री जुर्माना, डुप्लिकेट डिग्री, डुप्लिकेट मार्कशीट निकलवाना छात्र-छात्राओं के लिए महंगा हो गया है। अब इसके लिए विद्यार्थियों को ज्यादा शुल्क देना होगा। एकेडमिक एवं कार्य परिषद की बैठक से मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया गया है। हालांकि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पुरानी फीस ही अंकित है, लेकिन आवेदकों से बढ़ी फीस की डिमांड किए जाने पर छात्र काफी परेशान हैं।

परास्नातक में बैक पेपर शुल्क 250 से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। भूतपूर्व स्नातक, परास्नातक विद्यार्थियों के लिए बैक पेपर परीक्षा का शुल्क 400 से बढ़ा कर एक हजार रुपये किया गया है। उत्तर पुस्तिका देखने के लिए 100 के बजाय 200 रुपये शुल्क चुकाना पड़ेगा। स्नातक में बैक पेपर परीक्षा के लिए 200 के जगह 500 रुपये कर दिया गया है। डिग्री जुर्माना सौ रुपये से बढ़ाकर पांच सौ कर दिया गया है। यानी पांच गुना डिग्री जुर्माना शुल्क में वृद्धि कर दी गई है। प्रति सेट ट्रांसस्क्रिप्ट फीस पांच सौ से बढ़ाकर दो हजार रुपये और पीएचडी परीक्षा फीस 2 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये की गई है। दीक्षांत समारोह, पंजीकरण, मार्कशीट पर नाम में संशोधन और डुप्लिकेट माइग्रेशन फीस यथावत है। इविवि की पीआरओ डॉ. जया कपूर ने बताया कि ट्रांसस्क्रिप्ट, डिग्री जुर्माना की बढ़ी शुल्क लागू कर दिया गया है। सभी नए फॉर्म तैयार किए जा रहे हैं और शीघ्र ही बदली हुयी जानकारी के साथ इनको वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया जाएगा।

शंखनाद कर और थाली बजाकर जताया विरोध
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने विश्वविद्यालय परिसर में शंखनाद कर और थाली बजाकर फीस वृद्धि का विरोध किया। आलोक त्रिपाठी का कहना है कि यह प्रण लिया है कि जब तक छात्र हित में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई निर्णय नहीं आ जाता है तब तक डटे रहेंगे। अतेंद्र सिंह ने कहा कि इस शंखनाद की गूंज से उम्मीद है इविवि प्रशासन जागेगा।

फीस वृद्धि का विरोध कर रहे छात्रों को अखिलेश का समर्थन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहे आमरण-अनशन के आठवें दिन मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर समर्थन दिया है। सोमवार को प्रियंका गांधी ने आंदोलन का समर्थन किया था। सपा अध्यक्ष ने कहा कि 400 प्रतिशत फीस वृद्धि के विरोध में चल रहा आमरण-अनशन कहीं न कहीं भाजपा सरकार से नाउम्मीदगी का प्रतीक है। यदि छात्रों की बात जल्द नहीं मानी गई तो जन आंदोलन होगा। सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व एनएसयूआई का भी समर्थन मिला। 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फंड की व्यवस्था के लिए प्रत्येक छात्र मदन मोहन मालवीय बन गया है और विश्वविद्यालय को फंड प्रदान करने के लिए घूम-घूम कर भिक्षा मांग रहे हैं। वहीं आमरण-अनशन पर बैठे छात्र आयुष प्रियदर्शी की मंगलवार को तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। आमरण-अनशन अमित कुमार पाण्डेय रफ्तार भैया, सुधीर यादव ,अनुराग यादव बैठे हैं। इस अवसर पर अजय यादव सम्राट, हरेंद्र यादव, जितेंद्र धनराज, राहुल पटेल, आकाश, ज्ञान गौरव, अभिषेक यादव, यशवंत, हिमांशु पटेल, नवनीत, विनोद पटेल, मयंक पटेल, विजय प्रताप आदि मौजूद रहे।