कानपुर के अशोक नगर में बीते शुक्रवार को देर रात एक मसाला कारोबारी की पत्नी की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी। उसका शव कमरे के अटैच बाथरूम में लगे पंखे के कुंडे से फंदे पर लटका मिला था। पहले से चल रहे विवादों के बीच संदिग्ध परिस्थितियों के मद्देनज़र मायके वाले जब रात में बेटी के ससुराल पहुंचे तो घटना सामने आई। मायके वालों ने हत्या का आरोप लगाया है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की आशंका जताई गई है। पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपित पति सूर्यांश, मां निशा खरबंदा को गिरफ्तार कर लिया है। नौकरानी से पूछताछ में पुलिस के सामने खुलासा हुआ है कि वह 19 नवम्बर को सुबह से परेशान थी। लगातार फोन कर रही थी मगर बात नहीं हो रही थी। ऐसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि वह पति और उसके परिवार वालों को फोन कर रही थी।

इस बीच आंचल के मायके वालों और सूर्यांश के परिवार के बीच हुई शुरू हुई जंग में ऑडियो-वीडियो बारूद की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं। इन्‍हें देख-सुनकर साफ हो रहा है कि उड़ान की तो सीमाएं होती हैं, पतन की कोई हद नहीं होती। इनमें भाषा का संयम, सामाजिक चिंता… सिरे से गायब है। कोई नहीं जानता ये कहां से आ रहे हैं? क्यों वायरल किए जहा रहे हैं? बस अचानक रोज कुछ नई क्लिप शहर की फिजा में तैरने लगती हैं। बुधवार को ऐसी दो क्लिप वायरल हुईं। कहा जा रहा है कि इनका ताल्लुक आंचल कांड से है। इसमें भी एक स्त्री स्वर है, दूसरा पुरुष स्वर। दोनों आपस में पिता-पुत्री बताए जाते हैं। लेकिन बातों का स्तर इसमें संदेह पैदा करता है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या कोई पिता-पुत्री ऐसे बात कर सकते हैं? गालियों वाले इन ऑडियो को पुलिस ने जांच में शामिल कर लिया है। हिन्दुस्तान इन ऑडियो की पुष्टि नहीं करता।

ऑडियो-1 (भाषा: असभ्‍य), गालियां कहीं-कहीं, समय: 3.30 मिनट 

लड़का देखो…सेकेंड मैरिज करनी है

-स्त्री: यह जिस टाइप का गंदा और —— टाइप का मिला है न… समझ लो एक ….. के साथ मेरी शादी हुई है। मैं पछता रही हूं …… के साथ शादी करके….. तुमको दो काम पापा अब करने हैं….. अगर तुम मेरी बात मान जाओगे न….. अभी भी चीजें सही हो सकती है।

-पुरुष: हूं….

-स्त्री: अब तुम्हें दो चीजें करनी हैं… पहले तो तुम करो एक अच्छे वकील का इंतजाम….जितना हम कह रहे हैं….

-पुरुष: अरे…. तुम हमको यह क्यों कह रही हो….. इंतजाम करो वकीलों का…. यहां कोई कमी है क्या वकीलों की…..

-स्‍त्री: तुम्हें हम क्या कह रहे हैं….. तुम्हें हम जो जो कह रहे हैं…. हां अच्छी बात है…. इंतजाम है तो…. तुम्हारे पास हम जो जो चीजें कह रहे हैं….. उतना करते जाओ….. ठीक है। एक तो करना है तुम्हें अच्छे वकील का इंतजाम…. बाकी तुम्हारी पुलिस में इतनी जान पहचान तो है ही…. ठीक है…. जितने भी नेता लोग हैं…. तुम्हारे अच्छे लिंकअप तो हैं ही नेताओं से…. इन लोगों से थोड़ा और टच में रहो। थोड़ा और टच में… इन सबके घर एक-एक मिठाई का डिब्बा भिजवा दो…. न्यू इयर का। तुम्हें हम जो कह रहे हैं….. उतना करते जाओ। सुन लो मेरी बात।

पुरुष: तुम्हारे बाप ने पैसा खर्च करके कभी कोई काम नहीं किया….. एक बात यह याद रखना…..

-स्‍त्री: तुम्हारा इन लोगों से व्यवहार अपना है ही….. और स्ट्रांग कर लो। दूसरा काम क्या करना है….. भाई के लिए लड़की देखनी है। लड़की देखो…..

-पुरुष: शीतल रिश्ता लेकर आई है…..

-स्‍त्री: शीतल से बात करो….

-पुरुष: शीतल अभी तो रिश्ता लेकर आई है….. मकर संक्रति के बाद देखा देखी की बात चल रही है…..

-स्‍त्री: बहुत अच्छी बात है…..

-पुरुष: बहुत अच्छे घर का रिश्ता है।

-स्‍त्री: बहुत अच्छे घर का है तो बहुत अच्छी बात है…. शीतल हमको बहुत अच्छे से जानती है… ठीक है। मुझसे टचवुड आज की डेट में जितने लोग मिले हैं…. बहुत ज्यादा सेटिस्फाइड हैं…. सिवाए इन तीन (भीषण गालियां)…….. को छोड़ कर….. ठीक है….. तो जो सुनवाई होनी है न….. चप्पल और जूते पड़ने इन्हीं लोगों पर है। तुम बस शीतल को मेरी एक फोटो पकड़ा देना…. कह देना दूसरी शादी का सोच रहे हैं….. तुम नहीं कर पाओगे तो….. हम खुद देखेंगे। एक (गालियां)…….लड़का मेरी किस्मत में आ गया……

ऑडियो-2 (भाषा-बला की असभ्‍य, गालियां धाराप्रवाह, समय 2.02 मिनट)

अब झेलो…तुम और तुम्‍हारी बीवी

-स्‍त्री: अनाप शनाप खर्चे कराऊंगी तब ….. ठीक रहोगे। हमने बोला… दो लाख का फोन लेकर दिया है…. यह तो चार लाख का फोन लेकर चल रही है। यह हमें चार लाख का फोन दिलाएंगे। अरे… (गालियां) ने अभी लड़कियां देखी नहीं है। ……क्या मैंने कहा था….. मेरे लिए फोन लेकर आओ। अरे…..

-पुरुष: सब …….

-स्‍त्री: जब तुम्हें इतनी टक्कर का कम्पटीशन रखना है मां के साथ… बहन के साथ…. तो तुम एक काम करो न…..(भयंकर गालियां)…..बहुत गर्मी है उसको….

-पुरुष: तुम बेटा एक बात समझो….. कल मैं आऊंगा। तुम कहो तो आठ बजे आ जाऊं…. तुम कहो तो दस बजे…..

-स्‍त्री: अब तुम एक मेरी बात सुनना…. मैं अब ऐसे नहीं आऊंगी…. अब मैं तब आऊंगी पापा….. जब तुम मेरे सामने एक वकील खड़ा करोगे….

-पुरुष: तुमको रख नहीं पाएंगे वहां पर..एक दिन भी..नहीं रख पाएंगे।

-स्‍त्री: नहीं…. तुम मेरे सामने एक वकील ला सकते हो…..

-पुरुष: अब अझेल हो गया है…..

-स्‍त्री: अब झेलो… जब कहा था मत भेजो…. तो तुम और तुम्हारी बीवी कहते थे कि…. अरे वह औरत क्या करेगी…. वह मर जाएगी। तब भी बोलते थे पापा….. कि तुम लोग होश में नहीं हो।


परिवार के मना करने के बाद भी की थी आंचल से शादी

आंचल और सूर्यांश का विवाह भी किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी जैसा है। किसी रिश्तेदार की शादी में पहली बार एक दूसरे को देखा। प्रेम हुआ। सूर्यांश ने शादी का प्रस्ताव रख दिया।

परिवार वालों ने मना किया, पर वह माना नहीं। शादी के बाद पैसों को लेकर विवाद शुरू हुआ और बढ़ते-बढ़ते वह इस कगार पर आ गया कि आंचल को उसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।जिन आरोपितों को रिपोर्ट में नामजद किया गया है। उन्हीं में से एक परिवारीजन ने हिन्दुस्तान से बातचीत की। नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आंचल और सूर्यांश की शादी 9 फरवरी 2019 को हुई थी। उससे लगभग एक डेढ़ साल पहले एक, दो रिश्तेदारों की शादी में दोनों ने एक दूसरे को देखा था। उसके बाद सूर्यांश ने शादी करने का मन बना लिया था। ।

भरत और पवन ग्रोवर के परिवारों में था विवाद : भरत ग्रोवर और आंचल के पिता पवन ग्रोवर आपस में चचेरे भाई हैं। वहीं सूर्यांश की बुआ मीनाक्षी की शादी भरत ग्रोवर से हुई थी। भरत और पवन के पिता में कुछ विवाद चलता था मगर भरत और पवन ग्रोवर के बीच स्थितियां कुछ सुधरी थी। इस विवाद में बढ़ोत्तरी न हो इसके लिए सूर्यांश को शादी करने से मना किया गया था।

नौकरानी ने बताया, घटना वाले दिन सुबह से चल रही थी परेशान

आंचल की मौत का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। नौकरानी से पूछताछ में पुलिस के सामने खुलासा हुआ है कि वह 19 नवम्बर को सुबह से परेशान थी। लगातार फोन कर रही थी मगर बात नहीं हो रही थी। ऐसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि वह पति और उसके परिवार वालों को फोन कर रही थी।

आंचल के परिजनों से सबूत मिलने से पहले पुलिस ने नौकरानी राधा से पूछताछ की थी। पूछताछ में नौकरानी ने बताया कि 19 नवम्बर को घटना वाले दिन आंचल सुबह से परेशान थी। वह ऊपर के फ्लोर पर टहल रही थी। वह किसी से फोन पर बात करने का प्रयास कर रही थी।

सूर्यांश, मां को आते नहीं देखा

नौकरानी ने पुलिस को यह भी जानकारी दी है कि उसने सूर्यांश या निशा खरबंदा को घर में आते नहीं देखा था। साथ ही उसने बताया कि अक्सर तीनों का झगड़ा होता था और कई बार तो कमरा बंद करने के बाद झगड़े में तेज तेज आवाजें बाहर तक आती थी