छह दिसम्बर अयोध्या के इतिहास में एक ऐसी तारीख के रुप में दर्ज हो गया जिसका अलग-अलग समुदायों पर अलग-अलग प्रभाव है। इसके कारण यहां दशकों तक विरोधाभासी कार्यक्रमों का आयोजन होता था तो दूसरी तरफ तनाव की स्थिति भी बनी रहती थी।

फिलहाल नौ नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से ऐतिहासिक विवाद का पटाक्षेप कर दिया। इसके बाद दोनों समुदायों के लिए विरोधाभासी आयोजनों का औचित्य ही नहीं रह गया है। फिर भी स्मृतियों के चलचित्र अभी धुंधले नहीं पड़े है जिसके कारण पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के खतरे का अंदेशा बना रहता है। इसके चलते विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

यही कारण है अयोध्या में सुरक्षा का घेरा अब स्थाई हो चुका है। यहां आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) यहां स्थाई रुप से तैनात कर दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट नितीश कुमार ने शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए मजिस्ट्रेटों की तैनाती की हैं। उन्होंने बताया कि पांच दिसम्बर की सायं से ही सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने तैनाती क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर अपने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले संवेदनशील स्थलों पर सतर्क दृष्टि रखते हुये लोक शांति , सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए उत्तरदायी होंगे । जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट अपने तहसील क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए उत्तरदायी होंगे । नगर मजिस्ट्रेट / रेजीडेंट मजिस्ट्रेट अपने – अपने आवंटित क्षेत्रों में सम्बंधित पुलिस क्षेत्राधिकारियों से समन्वय कर लोक शांति , सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के लिए उत्तरदायी होंगे।