फिल्मी दुनिया से लेकर विदेशों तक में सुरमा का नाम आते ही बरेली के सुरमा कारोबारी एम हसीन हाशमी का नाम आ जाता है। शुक्रवार को एम हसीन हाशमी का इंतकाल हो गया है। इंतकाल की सूचना मिलते ही उनके चाहने वालों का सदमा लगा है। हसीन हाश्मी के रूप में सुरमा जगत ने एक बड़ी हस्ती खो दी है। एम हाश्मी सुरमा, जो गांव-देहात कस्बों और रेलवे स्टेशनों पर आसानी से मिल जाता है। उस देश के कोने-कोने में पहुंचाने में हसीन हाश्मी की जी-तोड़ मेहनत का ही नतीजा है। झुमके के बाद बरेली सुरमा के लिए मशहूर है।

सुरमे की पहचान दिलाने में हसीन हाशमी का ही योगदान है। कम से कम दो पीढ़ियों की आंखों में उनके सुरमे की ठंडक पहुंचती रही है। एम हसीन हाशमी के पड़ौसी नदीम शमसी ने बताया कि एम हाशमी ब्रांड बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। जैसे कि दूसरे दुनिया के दूसरे बड़े मशहूर उत्पादों की है। एक छोटी सी दुकान से शुरू ये सफर देश के मशहूर ब्रांड तक जा पहुंचा। पिछले काफी समय से उनकी तबीयत थोड़ी नासाज चल रही थी। शुक्रवार को हालत ज्यादा बिगड़ गई और वह दुनिया को अलविदा कह गए।  हसीन हाशमी के रूप में सुरमा जगत ने एक बड़ी हस्ती खो दी है।