बीएचयू की माइक्रोबायोलोजी लैब में अक्तूबर माह में 11 लोगों की रिपोर्ट स्क्रब टाइफस पॉजिटिव आई है। ये सभी मरीज बनारस सहित आस-पास के जिले के हैं। सभी बीएचयू अस्पताल में इलाज के लिए आए थे। चिकित्सकों के अनुसार स्क्रब टाइफस माइट यानि कीड़े के काटने से होने वाला बुखार है। इस बुखार में भी डेंगू जैसे मिलते-जुलते लक्षण होते हैं। यह बीमारी डेंगू से ज्यादा खतरनाक है। डेंगू के साथ स्क्रब टाइफस का भी प्रकोप बढ़ गया है।

बीएचयू के माइक्रोबायोलोजी लैब में जुलाई महीने से स्क्रब टाइफस की जांच हो रही है। यहां पर स्क्रब टाइफस की सिर्फ उन्ही मरीजों की जांच होती है जो बीएचयू में इलाज कराने आते हैं। बीएचयू में जुलाई से अब तक लैब में जांच के लिए 63 सैंपल आए हैं। इसमें 24 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं 39 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं अगर सिर्फ अक्तूबर महीने की बात की जाए तो माइक्रोबायोलोजी लैब में 23 सैंपल आए हैं। इसमें 11 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अगर देखा जाए तो बीएचयू में आने वाले सैंपल में करीब 47 फीसदी रोगी पॉजिटिव हुए हैं। ऐसे में ये काफी खतरा है। आईएमएस बीएचयू के माइक्रोबायोलोजी लैब के प्रो. गोपालनाथ ने बताया कि हमारे यहां पर बीएचयू में भर्ती होने वाले मरीजों की ही स्क्रब टाइफस की जांच हुई है। इसमें सिर्फ अक्तूबर में ही 11 रोगी मिले हैं। 

स्क्रब टाइफस शरीर के हिस्से को करता है प्रभावित
मंडलीय अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसबी उपाध्याय ने बताया कि ये बुखार खतरनाक जीवाणु ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया की वजह से फैलता है। इसकी चपेट में आने के बाद रोगी के लिवर, किडनी, लंग्स मुख्य रुप से प्रभावित होते हैं। कई बार यह अंग फेल भी जो जाते हैं, जिससे पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है। 

स्क्रब टाइफस के ये है लक्षण
– कीड़ा काटने के दो हफ्ते के अंदर मरीज को तेज बुखार आता है।
– सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, व शरीर कमजोर हो जाता है।
– शरीर के जिस हिस्सों में कीड़ा काटता है वहां ब्लैक मार्क बन जाता है।
– गंभीर होने पर डेंगू की तरह इसमें भी प्लेटलेट्स कम हो जाती है।