
फतेहपुर में गुरुवार दोपहर बाद से लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए काल बन गई है। विभिन्न स्थानों में कच्चे घर ढहने से नानी-नातिन समेत तीन लोगों की मौत हो गई। अन्य घटनाओं में कुछ लोग घायल हुए। कई कच्चे घरों के गिरने से गृहस्थी का सामान दबकर नष्ट हो गया।
किशनपुर थाने के असदुल्ला नगर सिठियानी गांव में चन्द्रकली अपने बच्चों के साथ गुजर बसर कर रही थी। गुरुवार रात जोरदार बारिश के दौरान वह अपनी चार वर्षीय नातिन शालिनी के साथ कच्ची कोठरी में लेटी थी, भोर पहर अचानक कच्चा मकान ढह गया। जिसके मलबे में दोनों को दबा देख चीख पुकार मच गई। ग्रामीणों की मदद से मलबा हटाकर दोनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। बताया कि शालिनी कुछ ही दिन पहले अपनी नानी के घर आई थी।
उधर, कल्यानपुर थाने के गौसपुर गांव निवासी गंगाराम की पत्नी निराशा देवी गुरुवार की रात घर के बाहर अपनी बेटी सरिता के साथ टीन सेड के नीचे सो रही थी। सुबह बिजली कड़कने के उसकी बेटी अन्दर जाकर सो गई थी। भोरपहर बगल में रहने वाले बलराज की कच्ची दीवार टीनसेड के ऊपर गिर गई। टीनसेड और दीवार के मलबे में दबकर निराशा की मौत हो गई।
चार कच्चे मकान गिरे, मां-बेटा घायल
मलवां थाने के भदबा गांव में गुरुवार की रात अमर की पत्नी गीता देवी और उसका आठ वर्षीय बेटा गोलू घर पर सो रहे थे। तभी रात में अचानक घर का कच्चा खंभा गिरने से उसमें रखा छप्पर उनके ऊपर गिर गया। जिससे मां-बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए। उधर हथगाम के बिछाहर निवासी राजेश का कच्चा मकान तेज बारिश के दौरान गिर गया। हादसे में परिवार बाल-बाल बच गया। फतेहपुर शहर के मसवानी मोहल्ले की रहने वाली नूरजहां पत्नी स्व. रशीद के मकान का पिछला हिस्सा ढह गया। जिसके मलबे में दबकर गृहस्थी नष्ट हो गई। गनीमत रही कि परिवार मकान के अगले पक्के हिस्से में सो रहा था और बाल-बाल बच गया। इसी तरह किशनपुर क्षेत्र के नरैनी गांव में आशा देवी का कच्चा मकान ढह गया। जिसमें वह दब गई थी, लेकिन ग्रामीणों ने उसे समय पर बाहर सुरक्षित निकाल लिया।