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धर्मातंरण केस: कानपुर में कमिश्नर के घर पर हुई थी तकरीर, एसआईटी की जांच में हो गई पुष्टि

यूपीएसआरटीसी के चेयरमैन वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन सरकारी आवास में तकरीर करा रहे थे। एसआईटी अध्यक्ष एवं सीबीसीआईडी के डीजी की पहले दिन की जांच में इस बात की पुष्टि हो गई। वायरल वीडियो में दिख रहा सीन मंडलायुक्त आवास का ही पाया गया। 

एसआईटी अध्यक्ष एवं सीबीसीआईडी डीजी जीएल मीणा ने सर्किट हाउस में अफसरों के साथ जांच के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। यहां से जांच टीम के सदस्य एडीजी भानु भाष्कर के साथ मैकराबर्टगंज स्थित मंडलायुक्त आवास पहुंचे। यहां पहले से ही फोर्स मौजूद थी। उस वक्त मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर मौजूद थे। दोनों अधिकारियों ने कमिश्नर आवास के भीतर जाने के बाद मुख्य गेट बंद करवा दिया। अधिकारियों ने वहां पर एक-एक कमरे का निरीक्षण किया। मंडलायुक्त आवास के ड्राइंग रूम के पास एक स्थान पर वीडियो जैसा सीन देखा गया। इस बात की पुष्टि हुई कि वीडियो इसी कमरे की बैठक का ही है। एसआईटी अध्यक्ष ने कई बार वीडियो और कमरे का नजारा देखा। मौके की तस्वीरें भी खिंचवाई। वीडियो और फोटो को भी मैच कराकर देखा गया तो वह मेल खा रही थी। 

मंडलायुक्त रहने वक्त तकरीर की थी 

पांच साल पहले मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन मंडलायुक्त पद पर तैनात थे। वायरल वीडियो उसी समय का बताया जा रहा है। एसआईटी की जांच में यह साफ हो गया कि वीडियो कमिश्नर के आवास का ही है। यहीं पूर्व कमिश्नर और मौलानाओं के बीच बैठक हुई थी। वायरल वीडियो में वह तकरीर करते दिख रहे हैं। एसआईटी अध्यक्ष जीएल मीणा ने कहा कि इस मामले में यदि किसी के पास कोई साक्ष्य, सूचना हो तो वह उपलब्ध करा सकता है। सूचना देने वाले का नाम, पता गोपनीय रखा जाएगा। साक्ष्यों के साथ सात दिन के भीतर एडीजी जोन कार्यालय में अपने बयान दर्ज करा सकता है।

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