मेरठ में पराली अब किसानों की आय का जरिया बन रही है। किसान धान की पराली को जला नहीं रहे, बल्कि कुट्टी काटकर बाजार में बेच रहे हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बच रहा हैं, वहीं किसानों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है। अब भूसा बहुत ही कम किसानों के पास बचा है। पशुओं के चारे के लिए अब मंडी से लोग पराली की कुट्टी खरीद कर ले जा रहे हैं। जैविद खाद तैयार करने समेत अन्य कई कार्यों में पराली का उपयोग बढ़ गया है।

किसानों ने धान के अवशेषों को जलाना लगभग बंद कर दिया है। मजदूरों ने पराली को अतिरिक्त व्यवसाय के रूप में अपना लिया है। पराली को क्षेत्र के मजदूर व छोटे किसानों ने कमाई का साधन बनाया है। पश्चिमी यूपी के साथ हरियाणा और पंजाब तक से पराली की खरीद कर ला रहे हैं। खेत में पड़ी पराली के बंडल इस बात का प्रमाण हैं कि किसानों ने पराली का प्रबंधन किया है। उन्होंने पराली बेचकर आमदनी बढ़ाई है। इससे पर्यावरण भी बचा है, दूसरा भूमि की उर्वरता भी बनी हुई है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

किसान, रामबाबू शर्मा ने कहा कि धान के पूले खेत पर ही 2400-2500 रुपये प्रति बीघा खरीदकर ले जा रहे है। इससे किसानों का फायदा हो रहा है। वहीं पराली को मशीन से काटकर चारे के रूप बेचा जा रहा है। किसान जानी, जाहिद ने कहा कि धान की पराली (पूलों) को किसान खेत पर ही बेच देते है। जिनका किसान दुधारू पशुओं को चारा खिलाने में प्रयोग करते है। किसान पराली को न जलाकर बल्कि उसे बेचकर अब मनुाफा कमाने लगा है। उपनिदेशक कृषि, ब्रिजेश चंद्र ने कहा कि करीब 15 हजार हेक्टेयर धान का रकबा है। धान और गन्ना किसान जागरूक हो रहे हैं। धान उत्पादक किसान अब पराली बिलकुल नहीं जलाते। गन्ना किसान गेहूं बुआई की जल्दी में खेत खाली करने को जरूर एक-दुक्का घटनाएं पत्ती जलाने की कर डालते है।

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– भूसा और पराली की कुट्टी की कीमत में तीन गुना तक अंतर है। इसलिए लोग अपने पशुओं को भूसा चराने के बजाय पराली की कुट्टी खरीद कर खिलाते हैं।
– कुट्टी काट कर बेचने से पर्यावरण संरक्षण होता है। इसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ती और गेहूं की बुआई पर किया गया खर्च कुट्टी से मिल जाता है।
– भूसा 1500 रुपये कुंतल तक है, पराली की कुट्टी 500-550 रुपये प्रति कुंतल बिक रही है।
– पराली (चारे के रूप) कीमत 500 से 550 रुपये कुंतल।
– भूसा की कीमत 1200 रुपये से 1500 रुपये कुंतल।

धान के पूलों की कीमत
मेरठ-आसपास के जिलों में कीमत 2500 से 3000 रुपये प्रति बीघा
पंजाब-हरियाणा में कीमत नौ हजार रुपये प्रति किल्ला (पांच बीघा)