सर…मुझे 15 कोच लीज पर चाहिए। निजी ट्रेन चलाकर यात्रियों को पुरी तक ले जाऊंगा। यह आवेदन गोरखपुर के एक व्यापारी की है। व्यापारी ने रेलवे की भारत गौरव यात्रा योजना के तहत पारंपरिक बोगियों को लीज पर लेने के लिए आवेदन किया है।

व्यापारी का कहना है कि गोरखपुर से पुरी तक कोई सीधी रेल सेवा नहीं है। इस ट्रेन के जरिए बुजुर्गों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन कराएंगे। व्यापारी की मंशा बुजुर्ग यात्रियों को अधिक से अधिक रियायत पर पुरी तक यात्रा कराने की है। व्यापारी का आवेदन आने के बाद अब रेलवे कोच उपलब्ध कराने के साथ ही औपचारिकताएं पूरी कराने में जुट गया है। वाणिज्य विभाग के अफसरों का कहना है कि कुछ और लोगों ने भी लीज के बारे में कार्यालय में पूछताछ की है। इस तरह की ट्रेन चलने से तीर्थयात्रियों को सहूलियत होगी। यात्री जब चाहेंगे आराम से यात्रा कर सकेंगे।

खुद तय कर सकेंगी ट्रैफिक और रूट

लीज अवधि कोचों की लाइफ तक बढ़ाई जा सकती है। अहम बात ये है कि इच्छुक पार्टी खुद बिजनेस मॉडल (मार्ग, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ आदि) का विकास या निर्णय करेगी।

पुरी के लिए ही क्याें चलाना चाहते हैं ट्रेन

आवेदन के साथ ही व्यापारी ने लिखा है कि कुछ समय पहले उनके समाज के लोगों को पुरी तक यात्रा करनी थी। गोरखपुर से कोई सीधी ट्रेन न होने की वजह से वाराणसी जाना पड़ा। बस से वाराणसी जाते समय कुछ लोगों का सामान चोरी हो गया। बिना पुरी गए सभी वापस गोरखपुर आ गए। इसके बाद कई बार गोरखपुर से पुरी तक सीधी चलाने के लिए रेलवे पत्र लिखा लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस समय लीज पर बोगियों को लेकर पुरी तक यात्रा कराने का अच्छा अवसर है।

लीज पर लेने के लिए कितना देना होगा किराया

आवेदक को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते एक समय एक लाख रुपये जमा करने होंगे। यह पैसा वापस नहीं होगा।

रजिस्ट्रेशन के बाद प्रयोग के अधिकार के लिए 15 कोच (6 थर्ड एसी, 6 स्लीपर, एसएलआर-2 और पेंट्रीकार-1) के प्रयोग के लिए एकमुश्त 3761004 रुपये देने होंगे।

इसके बाद लीज शुल्क (15 साल) के रूप में इन्हीं 15 कोच के लिए 25294606 रुपये देने होंगे।

इस सब के बाद 900 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से हर ट्रिप में परिचालन शुल्क देना होगा