धर्म प्रचार और तकरीरों के वायरल वीडियो में फंसे यूपीएसआआरटीसी के चेयरमैन वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखारुद्दीन बुधवार को एसआईटी के सामने पेश हुए। सीबीसीआईडी मुख्यालय में 6 घंटे सवाल जवाब का क्रम चला। उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया पर वीडियो में उपस्थिति स्वीकार कर ली।
एसआईटी चेयरमैन जीएल मीणा की मौजूदगी में बयान लिए गए। अब तक की जांच में आए तथ्यों पर भी सवाल किए गए। जांच के क्रम में मिले वीडियो पर भी सवाल हुए। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक आईएएस ने वीडियो में उपस्थिति तो स्वीकारी लेकिन किसी धर्म प्रचार या फिर किसी के धार्मिक भावना को आहत करने के आरोपों से इनकार कर दिया। जांच के दौरान धर्म प्रचार की पुस्तकों के बारे में भी इफ्तिखारुद्दीन से सवाल जवाब किए गए। एसआईटी ने उनसे 50 से अधिक वीडियो को जांच का हिस्सा बनाया है। वीडियो क्लिपिंग के दौरान की जा रही तकरीर और धार्मिक बातों को भी जांच में शामिल किया है। कर्मचारियों के बयान, चौबेपुर के अशरफ के बयान से जुड़े सवाल किए गए। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक पूर्व कमिश्नर ने सभी आरोपों को खारिज किया और दलील पेश की। उन्होंने कहा कि वीडियो में ऐसी कोई बात नहीं है जिसे लेकर किसी की भावना आहत हो। तकरीर, किसी धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेना अपराध नहीं है। कुछ वीडियो को किसी साजिश का हिस्सा भी करार दिया।
दो दिन में दाखिल होगी रिपोर्ट
एसआईटी ने 28 सितंबर से जांच शुरू की थी। शासन ने एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी थी। एसआईटी चेयरमैन ने कानपुर में भी कई लोगों के बयान दर्ज किए। कमिश्नर आवास की जांच कर वीडियो के सीन से मैच कराया। पूर्व कमिश्नर के सुरक्षा कर्मियों, कमिश्नर कार्यालय और आवास पर तैनात रहे उनके करीबी कर्मचारियों से पूछताछ की गई। जांच के दौरान आए तथ्यों के आधार पर सवाल किए गए। अब एसआईटी सभी के बयान, वीडियो की जांच तथा आईएएस के बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट तैयार करने में दो दिन का वक्त लगेगा। माना जा रहा है कि शुक्रवार तक एसआईटी शासन को रिपोर्ट सौंप देगी।