हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित होने दीपोत्सव- 2021 के मुख्य अतिथि कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति मून-जे-इन हो सकते हैं। इस संभावना को उस समय अधिक बल मिला जब यहां शनिवार को नई दिल्ली स्थित कोरियाई दूतावास की दस सदस्यीय टीम अयोध्या पहुंची। इस टीम के सदस्यों ने पर्यटन विभाग समेत इंडो-कोरियन मान्यूमेंट के निर्माण की कार्यदाई संस्था यूपीआरएनएन के अधिकारियों व मान्यूमेंट के आर्किटेक्ट के साथ साइट विजिट किया। इस दौरान मानचित्र में प्रस्तावित योजना के सभी बिन्दुओं का बारीकी से अध्ययन करते हुए शेष कार्य को निर्धारित अवधि में पूरा कर लेने की गारंटी मांगी।

इस दौरान कोरियाई दल का नेतृत्व कर रहे कांगहुन किम व सारा किम ने अधिकारियों से तीन नवम्बर को स्मारक के अनावरण को लेकर भी आवश्यक जानकारी मांगी। उन्होंने अनावरण के दौरान आने वाले वीवीआईपी मूवमेंट के सम्बन्ध में प्रवेश द्वार से लेकर पूरे स्मारक में निर्मित प्रत्येक दर्शनीय स्थलों को दिखाने की पद्धति भी पूछी। इस दौरान यह भी जानकारी ली गई कि मान्यूमेंट से सम्बन्धित सूचनाओं को कहां और किस प्रकार अंकित किया जाएगा। इस टीम के सदस्य अलग-अलग ग्रुप में घूम-घूमकर पूरे मान्यूमेंट का अपने नजरिए से भी निरीक्षण करते रहे। बताया गया कि इस टीम की रिपोर्ट के बाद कोरियाई सरकार राष्ट्रपति के कार्यक्रम के सम्बन्ध में अंतिम निर्णय लेगी। कोरियाई राष्ट्रपति के आगमन में कोविड भी एक पहलू है जिस पर भी विचार होगा।

कोरिया के भारतीय राजदूत का तीन नवम्बर को आगमन तय

रामायण सर्किट के अन्तर्गत निर्माणाधीन इंडो-कोरियन मान्यूमेंट को लेकर पर्यटन विभाग के उपनिदेशक दिनेश कुमार जो कि कोरियाई दल के साथ लखनऊ से यहां आए थे, ने बताया कि इसका अनावरण तीन नवम्बर को दीपोत्सव के अवसर पर होना तय है। उन्होंने बताया कि इसके अनावरण के लिए कोरिया गणराज्य का कौन अतिथि होगा, यह तय नहीं है लेकिन दीपोत्सव में कोरिया के भारतीय राजदूत का कार्यक्रम तय है। बताते चलें कि इस मान्यूमेंट के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में अपनी कोरिया यात्रा के दौरान कोरियाई राष्ट्रपति के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था।

24 करोड़ की लागत से निर्मित मान्यूमेंट के डिजाइन के लिए हुई थी दो ग्लोबल प्रतियोगिता

स्वदेश भारत दर्शन योजना के अन्तर्गत रामायण सर्किट के प्रस्तावों में इस योजना को भी शामिल किया गया। 24 करोड़ की लागत से प्रस्तावित योजना के डिजाइन के लिए दो बार प्रतियोगिता का आयोजन किया। पहली बार हुई प्रतियोगिता के दौरान योजना सरयू नदी पर तीस एकड़ भूमि पर प्रस्तावित थी। एनजीटी के प्रतिबंध के कारण बाद में योजना के लिए साकेत तीर्थ यात्री केंद्र की करीब 11 हजार वर्ग फुट भूमि पर निर्माण का निर्णय लिया गया। इसका शिलान्यास दीपोत्सव 2018 की मुख्य अतिथि व कोरिया गणराज्य की प्रथम महिला किम जुंग सुक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त रूप से किया था। कोरियाई दल के निरीक्षण में पर्यटन विभाग के उपनिदेशक आरपी यादव, यूपीआरएनएन के परियोजना प्रबंधक प्रमोद कुमार यादव, एपीएम विद्युत अमित कुमार सिंह, मेसर्स नोड अर्बन लैब के आर्किटेक्ट राहुल जादान व शुभम सिंह एवं सुनील कुमार रावत व अन्य अभियंता मौजूद रहे।