नेपाल की राजधानी काठमांडू में पकड़े गए 11 अफगानी तालिबान के सत्ता में आने के बाद वहां भागे थे। जिस तरह पंजाब में बने फर्जी आधार कार्ड के सहारे विभिन्न प्रांतों का भ्रमण करते हुए वे सोनौली सीमा पर पहुंचे, उससे भारत में उनके अवैध घुसपैठ को लेकर संशय बन गया है। पाकिस्तान के रास्ते घुसपैठ को लेकर भी शंका बन रही है। अफगानियों की गिरफ्तारी के मामले में नेपाल पुलिस के इस खुलासे के बाद सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं। बार्डर पर सघन जाच के बाद ही एंट्री मिल रही है।

एक जानकारी के अनुसार नेपाल में 20 हजार शरणार्थी ईरान, इराक,अफगानिस्तान, म्यांमार समेत कई देशों के हैं। इनमें से भारत के स्थल मार्ग से भी लोग पहुंचे बताए जाते हैं। नेपाल अवैध घुसपैठ से चिंतित है। चौंकाने वाली बात यह है कि म्यांमार के रोहिंग्या भी शरणार्थी बन नेपाल पहुंचे हैं। पूछताछ में अभी तक जो बातें सामने आई है उसके मुताबिक मणिपुर बार्डर से भारत में घुसपैठ कर सिलीगुड़ी होते हुए नेपाल पहुंच जा रहे हैं। 

नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फणीन्द्र मणि पोखरेल ने कहा भारत-नेपाल सीमा पर ढिलाई के कारण ही 11 अफगानी नागरिक स्थल मार्ग से नेपाल में प्रवेश कर लिए। नेपाल में रोहिंग्या अफगानी नागरिक समेत तमामा देशों के करीब 20 हजार शरणार्थी हैं। अब सबकी जांच चल रही है।
एसपी रूपन्देही मनोज केसी ने बताया कि 11 अफगानियों के सोनौली के रास्ते नेपाल में पहुंचने को लेकर सीमा पर नेपाली सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। हर आने वाले की सघन जांच की जा रही है।