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अवैध धर्मांतरण में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दकी को जमीयत उलमा-ए-हिंद का साथ, मौलाना मदनी बनाया वकीलों का पैनल

अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए मौलाना कलीम सिद्दीकी का मुकदमा जमीयत उलमा-ए-हिंद (मौलाना महमूद मदनी गुट) ने लड़ने का फैसला किया है।

मंगलवार की रात मेरठ से यूपी एटीएस द्वार मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत चार अन्य को गिरफ्तार कर अपने साथ लखनऊ ले गई थी। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर जबरदस्ती धर्मांतरण कराने और विदेशों से फंडिंग लेने का आरोप है। मौलाना कलीम की गिरफ्तारी के बाद जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बताया कि जमीयत महाराष्ट्र इकाई इस केस की पैरवी करेगी।

मौलाना मदनी की ओर से अधिवक्ता अबूबकर सबाक के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का पैनल बनाया गया है। कोर्ट ने मौलाना कलीम सिद्दीकी की रिमांड की मांग को खारिज कर दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई की जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

गौरतलब है कि ग्‍लोबल पीस सेंटर और जमीयत-ए-वलीउल्‍लाह के अध्‍यक्ष मौलाना कलीम सिद्दकी को यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण और हवाला फंडिंग के मामले में कल गिरफ्तार कर लिया था। उन्‍हें मेरठ से गिरफ्तार किया गया। मौलाना कलीम मुजफ्फरनगर के रतनपुरी क्षेत्र के प्रसिद्ध मदरसे के प्रबंधक भी हैं। सूत्रों का दावा है कि मौलाना ने अभिनेत्री सना खान का निकाह भी करवाया था। यूपी के एडीजी कानून-व्‍यवस्‍था प्रशांत कुमार ने बताया कि ट्रस्‍ट में विदेशों से फंडिंग की जाती थी। मौलाना करीब 15 वर्षों से धर्म परिवर्तन में शामिल थे। उन्‍होंने बताया कि ट्रस्‍ट में 1.5 करोड़ रुपये बहरीन से आए। इसके अलावा कुल तीन करोड़ की फंडिंग के सबूत मिले हैं।

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