कानपुर में एक दुकानदार पर अपनी दुकान के जरिए इस्‍लाम का प्रचार करने का आरोप लगा है। उसकी दुकान से ग्राहकों को दिए जाने वाले बिल के नीचे ‘इस्‍लाम-द ओनली सलूशन’ लिखा होता था। बिल  की ये कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुलिस सक्रिय हो गई। 

दुकानदार के खिलाफ कोतवाली थाने में असत्य से धर्म का प्रचार करने की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने व्यापारी की बिलिंग मशीन जब्त कर ली है। मशीन के सॉफ्टवेयर की जांच कराई जाएगी। बुधवार को व्यापारी को थाने बुलाकर पांच घंटे तक पूछताछ की गई। पूछताछ में व्यापारी ने पुलिस को बताया कि व्यापार में घाटा हो रहा था तो बिल के जरिए धर्म प्रचार शुरू कर दिया। मैदा बाजार मेस्टन रोड निवासी मोहम्मद शालिम घर के नीचे ही टेबल कवर और पायदान की दुकान चलाते हैं।

मंगलवार को इनके प्रतिष्ठान से जारी एक बिल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें धर्म का प्रचार करने वाली लाइन- ‘इस्‍लाम-द ओनली सलूशन’ लिखी थी। पुलिस कमिश्नर ने मामले में संज्ञान लिया और कोतवाली पुलिस को जांच सौंपी। बुधवार को पुलिस ने कोतवाली में मोहम्मद शालिम को पांच घंटे तक पूछताछ की।

व्यापार में नुकसान के कारण ऐसा लिखा 

मोहम्मद शालिम ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसके पिता मोहम्मद हसीन के समय से व्यापार चल रहा है। उनके जिंदा रहते हुए व्यापार में बहुत नुकसान हो रहा था। उस दौरान उन्होंने किसी से सम्पर्क कर इससे उबरने का रास्ता पूछा था। तब उन्होंने ही बिल में इस तरह की लाइन लिखने का सुझाव दिया था। कम्प्यूटराइज्ड बिलिंग मशीन में यह लाइन फीड करा दी गई। सन 2017 में पिता की मौत हो गई। उसके बाद से यह बिल ग्राहकों को दिया जा रहा था। मोहम्मद शालिम ने कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह अपराध की श्रेणी में आता है। पुलिस ने पूछताछ के बाद उन्हें थाने पर बैठा लिया। इसके लिए व्यापारी ने लिखित में माफी पत्र भी दिया। पुलिस ने व्यापारी की बिलिंग मशीन को जब्त कर लिया है। 

पुराने बिल मंगाए 

कोतवाली पुलिस ने व्यापारी से जांच में सहयोग देने के लिए कहा है। उनसे पुराने बिल मंगवाए गए हैं। जिससे यह साबित हो सके कि बहुत पहले से धार्मिक लाइन के साथ बिल ग्राहकों को दिया जा रहा था। इसके अलावा पुलिस बिलिंग मशीन के सॉफ्टवेयर की भी जांच कराएगी। जिससे यह जानकारी हो सके कि इसमें यह लाइन कब फीड कराई गई थी। 

रिपोर्ट दर्ज 

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि व्यापारी के खिलाफ आईपीसी धारा 505 (2) (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि, परिचालित करना) में रिपोर्ट दर्ज की गई है। धारा के तहत मामले में तीन साल की सजा और जुर्माना है। लिहाजा व्यापारी को थाने से जमानत देकर छोड़ा जाएगा।