काशी विश्वनाथ धाम का दो चरणों में लोकार्पण कराने की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 दिसंबर को पहले चरण का लोकार्पण कर सकते हैं। इसका संकेत मिलते ही अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है। गंगा में दो बार बाढ़ के चलते मणिकर्णिका प्रवेशद्वार, सीढ़ियों और नीलकंठ पवेलियन का कार्य बाधित है। उनकी वजह से सुरक्षा कार्यालय का भी कार्य प्रभावित है। क्योंकि इसी स्थल पर सामानों व वाहनों की आवाजाही हो रही है। उधर, दूसरे चरण में शामिल कार्य 30 दिसंबर से पहले पूरा होते नहीं दिख रहे हैं। 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विस्तार के तहत बचे शेष कार्यों का दूसरे चरण में शुभारम्भ किया जाएगा। धाम की डीपीआर में मणिकर्णिका प्रवेश द्वार, सीढ़ियां, चहारदीवारी और नये अधिग्रहित क्षेत्र काफी बाद में शामिल हुए हैं। प्रवेश द्वार की वजह से भूमिगत सीवेज पंपिंग स्टेशन के डिजाइन में परिवर्तन किया गया। अब तक यह पंपिंग स्टेशन जलासेन घाट पर था। वहीं, इन सभी भवनों को जाने वाले मार्ग पर नीलकंठ पवेलियन भवन का काम अभी शुरू हुआ है। 

वर्तमान में सुरक्षा कार्यालय के लिए बन रहे चार मंजिला भवन का पहला तल ही पूरा हो पाया है। यह कार्य भी 15 दिसंबर तक पूरा होता नहीं दिख रहा है। घाट किनारे के कार्य पूरा करने के लिए गंगा का जलस्तर 60 मीटर के नीचे होना चाहिए। जबकि वर्तमान में 63 मीटर पर है। करीब एक हफ्ते पूर्व जलस्तर 65 मीटर पर पहुंच गया था। इस कारण घाट किनारे चल रहे कार्य बंद करने पड़े थे। अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। फिर भी हफ्तेभर का समय लग सकता है। 

नंदी के पास स्थापित होंगी मां अन्नपूर्णा 

मंदिर न्यास के अधिकारियों ने बताया कि कनाडा से आ रही मां अन्नपूर्णा की मूर्ति गर्भगृह के ईशान कोण पर स्थापित होंगी। ईशान कोण नंदी के पास स्थित प्रवेश द्वार से पूरब किनारे स्थित है। हालांकि अंतिम निर्णय रविवार को कमिश्नरी सभागार में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी भी शामिल होंगे। अपर मुख्य सचिव कॉरिडोर के कार्यों की समीक्षा करने आ रहे हैं। वह बाबा विश्वनाथ धाम भी जाएंगे। लोकार्पण के संबंध में जिला प्रशासन के अफसरों के साथ विचार विमर्श भी करेंगे। 

निर्माणाधीन परिसर से होकर पहुंचे भक्त

काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह वाले मंदिर परिसर में ढलाई पूरी हो गई है। एक तरफ मार्बल पत्थर भी लगने शुरू हो गए हैं। अन्नकूट पर धाम पहुंचने वाले भक्तों को निर्माणाधीन परिसर में लाइन लगवाकर बाबा का दर्शन कराया गया।