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नरेन्‍द्र गिर‍ि केस: सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग पर बयान बदलकर सवालों में घिर गए बलबीर

महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट पर अपने बयान बदलने से करोबारी बलबीर गिरि सवालों में घिर गए। उन्होंने सबसे पहले यही बयान जारी किया कि सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग महंत नरेंद्र गिरि की है, जबकि बाद में कहा कि हैंड राइटिंग वो पहचानते नहीं।

बलबीर गिरि ने पहले कहा था कि जहां तक वो हैंडराइटिंग की बातें करें, उसके लिखे जो अक्षर हैं वो गुरुदेव के हैं। यह पूछे जाने पर कि महंत नरेंद्र गिरि ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाया है तो उन्होंने कहा कि वो सभी प्रकार की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं। अब तक जो भी हुआ है वो महंत नरेंद्र गिरि की इच्छा से ही हुआ है। जब इस पर संत समाज ने सुसाइड नोट पर सवाल खड़ा किया तो बलबीर गिरि ने बयान बदल दिया। उन्होंने हैंडराटिंग पहचानने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है और इस पर किसी प्रकार की बयानबाजी नहीं कर सकते। एक ही मुद्दे पर दो बयान देने के कारण कारोबारी बलबीर गिरि खुद भी सवालों के घेरे में आ गए हैं।

उधर, संत की संदिग्ध मौत के बाद बाघंबरी मठ का जिम्मा संभालने वाले पंच परमेश्वर ने चुप्पी साध ली है। पंचों में अंदर ही अंदर चर्चा चल रही है, लेकिन खुलकर कोई कुछ बोल नहीं रहा है। निरंजनी अखाड़े की पंच परमेश्वरों में महंत रविंद्र पुरी, महंत राजेगिरि, नरेश गिरि, राम रतन गिरि, राज गिरि, राधे ध्याम पुरी, बलबीर गिरि, राकेशपुरी, गंगा गिरि हैं। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद ये सभी प्रयागराज आ गए हैं। मठ की सभी व्यवस्थाएं इन दिनों पंच परमेश्वर ही संभाल रहे हैं।

आज मठ में धूल रोट की रस्म होनी है। इस दौरान मठ में बंद पड़ा चूल्हा जलाया जाएगा। महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले सभी साधु संत भी आएंगे। इसके बाद पंच परमेश्वर की औपचारिक बैठक हो सकती है। यह अलग बात है कि मठ के भीतर पट्टाभिषेक व अन्य गतिविधियों को लेकर संतों की आपस में चर्चा हो रही है। औपचारिक बैठक के बाद ही संत कुछ बयान जारी कर सकेंगे। महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि फिलहाल किसी बैठक का सवाल नहीं है। नियमानुसार जो भी बात होगी वो धूलरोट की रस्म के बाद कही जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल पूरा निरंजनी अखाड़ा महंत की मौत से आहत है।

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