कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर की गोरखपुर पुलिस की पिटाई से हुई मौत के बाद चल रहे बवाल के बीच सीएम याेगी ने भ्रष्ट पुलिस अफसरों पर एक्शन करने को कहा हैै। सीएम योगी ने कहा हैै कि हाल के दिनों में कतिपय पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की शिकायतें मिली हैं। यह कतई बर्दास्त नहीं है। सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग में ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने आला अधिकारियों से कहा हैै कि प्रमाण के साथ ऐसे लोगों को चिन्हित कर सूची उपलब्ध कराएं। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही होगी। अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच के बाद बर्खास्तगी भी होगी।

सीएम योगी से मिलने पहुंचा परिवार:

कानपुर जिला प्रशासन मनीष की पत्नी सहित आठ लोगों को सीएम याेगी से मिलाने ले गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने वालों में मृतक मनीष की पत्नी मीनाक्षी, बेटा अभिराज, पिता नंदकिशोर, भाई सौरभ, भांजे का दोस्त दुर्गेश बाजपेई, परिचित दीपक श्रीवास्तव, अधिवक्ता रंजीत सिंह और बहनोई रोहित गुप्ता शामिल हैं।

अखिलेश ने भी की मनीष की पत्नी से मुलाकात:

इससे पहले अखिलेश यादव ने डीलर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी, पिता नंद किशोर और बहनों से बात की। उनका ढांढस बंधाया और परिवार की मदद के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ से 20 लाख रुपये का आर्थिक सहायता का ऐलान किया। यह भी कहा कि सपा परिवार के न्याय के लिए हर संभव प्रयास करेगी। न्याय न मिला तो कानपुर से लेकर लखनऊ तक सड़क मार्च कर सो रही सरकार को जगाया जाएगा। यह कानपुर की जनता की लड़ाई है और शहर का हर आम आदमी सपा के साथ है। अखिलेश ने भाजपा सरकार से परिवार को 2 करोड़ देने की मांग की। साथ ही परिजनों की मांगों में शामिल मनीष की पत्नी मीनाक्षी को नौकरी देने की मांग को जायज ठहराया। 

मुकदमा दर्ज होते ही फरार हुए पुलिस वाले: 

कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता पुलिस पिटाई से मौत के मामले में इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने के बाद पुलिसवालों ने उनकी तलाश शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस कर्मी नामजद है लिहाजा उन्हें पकड़ने के लिए टीम बनाई गई है। उधर, निलम्बित होने के बाद ही मुकदमा दर्ज होने की आशंका होने पर मंगलवार की दोपहर से ही यह पुलिसवाले अपने गोपनीय ठिकाने पर चले गए हैं। उधर, बुधवार को नए इंस्पेक्टर की भी तैनाती कर दी गई है। वहीं केस को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है। 

यह है पूरा मामला:

अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल इलाके में स्थित होटल ठहरे मनीष गुप्ता की सोमवार की आधी रात को पुलिस पिटाई से मौत हो गई थी। मनीष गुप्ता के दोस्त हरियाणा के रहने वाले हरदीप और प्रदीप ने पुलिस की ज्यादती बताई वहीं मनीष गुप्ता की अपने भांजे से मोबाइल से बातचीत की आडियो भी सामने आई जिसमें पता चला कि पुलिसवालें उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। हालांकि पिटाई के बाद मौत होने पर पुलिस ने शव को करीब डेढ़ घंटे तक छिपाए रखा। वह एक प्राइवेट हास्पिटल में ले गए और वहां से हालत गंभीर बताकर मेडिकल कालेज ले गए। हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि प्राइवेट हास्पिटल में ही उसकी मौत हो गई थी उसके बाद उन्होंने मामले को मैनेज करने के लिए डेढ़ घंटे लगाए और मेडिकल कालेज ले गए थे।  मनीष गुप्ता के साथ ठहरे दोस्तों के अलावा गोरखपुर के रहने वाले दोस्तों ने परिवार के लोगों को जानकारी दी। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी मंगलवार की दोपहर में पिता, ससुर, ननद और अन्य लोगों के साथ पहुंची उन्होंने पुलिसवालों पर कार्रवाई के साथ ही एफआईआर दर्ज करने की मांग की। एसएसपी विपिन ताडा ने इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया हालांकि एफआईआर के लिए पुलिस अफसर पहले तो उन्हें मनाने का प्रयास किए उनका कहना था कि जांच के बाद एफआईआर दर्ज होगी पर मीनाक्षी इसके लिए तैयार नहीं थी और रात करीब 12 बजे मुख्यमंत्री को इस मामले में दखल देनी पड़ी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीनाक्षी से बात की न्याया का भरोसा दिया और एफआईआर दर्ज कराने को कहा जिसके बाद इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्ष्य मिश्र और सब इंस्पेक्टर विजय यादव को नामजद तथा तीन अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।