28 जुलाई को नौवीं का छात्र मयंक स्कूल में मोबाइल लेकर आ गया था। इसी दौरान किसी का वीडियो बनाते हुए लाइब्रेरियन ने उसे देख लिया और उसे प्रिंसिपल के पास लेकर पहुंचा। इसके बाद उसे एक हफ्ते के लिए स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया। इतना ही नहीं प्रिंसिपल ने मयंक के पिता को भी बुलाकर बेइज्जत किया।

मयंक ने सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आरोप है कि पिता की बेइज्जती से आहत होकर उनसे आत्महत्या की है। पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी को स्कूल बुलाकर अपमानित किया गया था। इससे मयंक व्यथित था। 

मंगलवार को प्रिंसिपल और अन्य पर कार्रवाई की मांग करते हुए मयंक की बहन तनीषा के साथ छात्रों ने धरना शुरू कर दिया। वहीं, प्रधानाचार्य दिवाकर सिंह ने इस बारे में बताया कि जो भी छात्र छात्राएं मोबाइल के साथ पकड़े जाते हैं, उनको हिदायत देते हुए मोबाइल वापस कर दिया जाता है। मयंक की घटना के बारे में कहा कि इस प्रकरण में लंका पुलिस छानबीन कर रही है। उसकी तरफ से कार्रवाई की जाएगी।