नई सड़क हिंसा में शामिल 14 और आरोपितों को कानपुर पुलिस ने चिह्नित कर लिया है। इनमें से कुछ घर से फरार हो गए हैं। फिलहाल इनके नाम गोपनीय रखे गए हैं ताकि जब भी वापस लौटें तो इन्हें गिरफ्तार किया जा सके। सभी की तलाश में टीमों को लगाया गया है। उधर, हिंसा में जेल गए पांच आरोपितों को राहत मिलने की सम्भावनाएं बढ़ गई हैं। 

ऐसे लोगों को जेल भेजने की शिकायतों के निस्तारण के लिए ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में गठित कमेटी ने रिपोर्ट बनाकर एसआईटी को सौंप दी है। एसआईटी की तरफ से अब इन लोगों के लिए कोर्ट में धारा 169 की रिपोर्ट दाखिल की जाएगी जिससे इनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा।

पुलिस ने तीन तरह से जांच कर 60 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसमें सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल वीडियो और आसपास के लोगों द्वारा दी गईं सूचनाओं को आधार बनाया गया। इसके बाद कई ने अपने परिवार के सदस्यों को जबरन जेल भेजने का आरोप लगाया। ऐसी शिकायतों की समीक्षा करने के लिए ज्वाइंट सीपी के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया। इस समिति के सामने 24 मामले में आए जिन पर तीन बार सुनवाई की गई। इसमें पांच ऐसे लोगों को छांटा गया जो गलत जेल चले गए हैं।

70 पन्ने का मालिकाना हक जीनत ने पुलिस को सौंपा
बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा के भाई मुश्ताक और उसके गुर्गों द्वारा जीनत आजमी की स्वरूप नगर स्थित संपत्ति पर कब्जा करने में पीड़िता शनिवार को एसीपी स्वरूप नगर के कार्यालय पहुंची। अधिकारी से मुलाकात न हो पाने पर उन्हें स्वरूप नगर थाने बुलाया गया। जीनत ने तहरीर के साथ मालिकाना हक के दस्तावेज मिलाकर 70 पेज का बंच इंस्पेक्टर को सौंप दिया। अधिकारी के मुताबिक दस्तावेजों के आधार पर एफआईआर तो दर्ज कराई जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। 

कैंसर पीड़िता जीनत का आरोप है कि उनकी 16 दुकानों पर मुख्तार के भाई मुश्ताक और उसके गुर्गों ने कब्जा किया है। शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर की थी। एसीएम-6 वान्या सिंह और एसीपी स्वरूप नगर ब्रजनारायण सिंह ने जांच शुरू कर दी थी। एसीपी स्वरूप नगर के मुताबिक अभी तक कागजात प्राप्त नहीं हुए हैं। इस मामले में मुश्ताक को छोड़कर बाकी सभी के ब