पत्नी आलिया सिद्दकी की शिकायत पर दर्ज हुए छेड़छाड़ मामले में पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बाद भी फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। पुलिस ने नवाजुद्दीन और उनके परिजनों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जांच पूरी करते हुए क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी लेकिन स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने इस पर एतराज जताते हुए रिपोर्ट लौटा दी है। कोर्ट ने पुलिस को शिकायतकर्ता को पेश करने का आदेश दिया है।
27 जुलाई 2020 को नवाजुद्दीन की पत्नी आलिया सिद्दीकी ने मुंबई के वर्सोवा थाने में पति सहित देवर मिनाजुद्दीन, फैयाजुद्दीन, अयाजुद्दीन और सास मेहरुनिशा के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी।वर्सोवा थाने में दर्ज यह मामला अगस्त 2020 को बुढ़ाना थाने में ट्रांसफर हो गया था।
यह था मामला
आलिया ने आरोप लगाया था कि 2012 में जब वह बुढ़ाना स्थित अपनी ससुराल आई थीं तो उसके देवर मिनाजुद्दीन ने उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी। पति नवाजुद्दीन ने पुलिस से शिकायत करने से मना कर दिया था।
आलिया ने यह भी आरोप लगाया था कि विरोध करने पर देवर फैजुद्दीन, अयाजुद्दीन तथा उसकी सास मेहरुनिशा ने उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज की। पति नवाजुद्दीन को जब उसने यह बात बताई तो उन्होंने पुलिस से शिकायत करने से मना कर दिया था। उसे भी शिकायत करने से रोका था। मुंबई के वर्सोवा थाने में दर्ज यह मामला अगस्त 2020 को घटनास्थल बुढ़ाना का होने के कारण मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना थाने में ट्रांसफर हो गया था। बुढ़ाना पुलिस ने इस मामले की विवेचना की थी।
हाईकोर्ट ने नवाजुद्दीन की गिरफ्तारी पर दिया था स्टे
इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेता की गिरफ्तारी पर स्टे जारी किया था। बुढ़ाना पुलिस ने विवेचना करते हुए फिल्म अभिनेता और उसके परिवार को क्लीन चिट देते हुए क्लोजर रिपोर्ट पॉक्सो कोर्ट में जमा की थी। स्पेशल पॉक्सो कोर्ट के जज संजीव कुमार तिवारी ने एतराज लगाते हुए रिपोर्ट को लौटा दिया।
कोर्ट में दर्ज हुए थे आलिया के 164 के बयान
फिल्म अभिनेता और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज मामले में 16 अक्टूबर 2020 को मुकदमे के तत्कालीन विवेचक वीर नारायण सिंह ने आलिया सिद्दीकी के सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट संख्या एक ज्योति अग्रवाल के समक्ष 164 सीआरपीसी के तहत गोपनीय बयान दर्ज कराए थे। अपने बयान में आलिया ने लगाए गए आरोपों की तस्दीक की थी।