कृषि कानूनों की वापसी के बाद एक साल से जारी किसान आंदोलन खत्म हो रहा है। कल एक तरफ दिल्ली की सीमाओं से किसानों की घर वापसी होगी तो दूसरी ओर यूपी के बलरामपुर से पीएम मोदी किसानों को संदेश देंगे। वे यहां बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नहर परियोजना के तहत बनाई गई पांच नदियों को जोड़ने वाली सरयू नहर का परियोजना का उद्घाटन करने आ रहे हैं।
बीजेपी के लिए यूपी और पंजाब में चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी को दूर करना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए वो खेती-किसानी के मुद्दों पर फोकस कर रही है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के उद्घाटन के मौके को भी पार्टी ने किसानों को जोड़ने का अवसर बनाया है। गुरुवार को पीएम के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने बलरामपुर पहुंचे सीएम योगी ने कहा कि इस योजना के पूरा होने से नौ जिलों के 30 लाख किसानों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सबसे बड़ी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए योजना आयोग ने 1972 में सहमति दी थी। 1978 में औपचारिक रूप से कार्य का प्रारम्भ किया गया। लेकिन इस पर 2017 तक मात्र 52 फीसदी कार्य हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा सरकार ने साढ़े चार साल में बाकी बचे 48 फीसदी काम को पूरा कर दिया। उन्होंने बताया कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना छह हजार 623 किलोमीटर लंबी है
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर हंसुआडोल स्थित सभा स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने हेलीपैड, मंच और सिंचाई परियोजना से सम्बन्धित मॉडल का भी अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने सभा स्थल पर कई जिलों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की रणनीति बनाई। सरयू नहर को आजाद भारत की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना बताया जा रहा है। सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना यूपी के नौ जिलों की पांच नदियों को जोड़ती है। इसमें घाघरा से सरयू व सरयू से राप्ती को जोड़ा गया है। इसके साथ ही राप्ती को बाणगंगा तथा बाण गंगा से रोहिन नदी जोड़ी गई है। उन्होंने बताया कि नदियों को आपस में जोड़ने से बाढ़ जैसी विभीषिका से भी लोगों को बचाया जा सकेगा।