कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा से विभिन्न हैं। ओमिक्रॉन संक्रमित को रात में सोते वक्त पसीना आ सकता है। कड़ाके की ठंड भी मरीज को पसीना आने से नहीं बचा सकती है। वहीं ओमिक्रॉन संक्रमित में स्वाद और गंध जाने के लक्षण कम दिख रहे हैं।

मेदांता अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. लोकेन्द्र गुप्ता के मुताबिक ओमीक्रोन संक्रमितों में नाक बहना और डायरिया के लक्षण भी दुर्लभ हैं। ओमिक्रॉन मरीज के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण होने की कम आशंका होती है। यही वजह है कि इन संक्रमितों के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम गड़बड़ाता है। फ्लू और ओमिक्रॉन के ज्यादातर लक्षण एक समान ही हैं। मामूली अंतर यह है कि फ्लू के मरीजों में गले में खराश कम होता है। जबकि ओमिक्रॉन संक्रमितों में यह सामान्य है। ओमिक्रॉन संक्रमित के गले में दर्द नहीं होता है।

इन पर करें गौर

-ज्यादातर ओमिक्रॉन संक्रमितों को खांसी, गले में खराश।

-बुखार आ सकता है पर तापमान अधिक नहीं रहता

-बुखार एक से दो दिन में ठीक हो जाता है।

डेल्टा के लक्षण

-डेल्टा में बुखार एक से दो सप्ताह तक रहता है और मरीज का तापमान बहुत अधिक होता है।

-डेल्टा वेरियंट से संक्रमित मरीजों में सूखी खांसी आने से पहले ही मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन तेजी से गिरने लगता था।