सरकारी व सहायताप्राप्त प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को निशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा व स्कूल बैग के लिए उनके अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजी जाएगी। प्रदेश के 1.60 करोड़ विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में 1800 करोड़ रुपए की धनराशि दी जाएगी। शुक्रवार को कैबिनेट बाईसर्कुलेशन में यह फैसला लिया गया। यह धनराशि केवल उन्हीं खातों में भेजी जाएगी जिनमें पिछले दो महीने में लेनदेन हुआ हो। निष्क्रिय खातों में धनराशि नहीं भेजी जाएगी। इन सभी खातों को पीएफएमएस पेार्टल पर करने के बाद ही डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर)  किया जाएगा।

यह धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से डीबीटी की जाएगी।  पीएफएमएस से धनराशि भेजने से धनराशि का ऑडिट किया जा सकेगा। इसमें बरसों पुराने रिकार्ड भी मौजूद रहती है। इस निर्णय से शिक्षकों व अधिकारियों को इसकी खरीद व वितरण से मुक्ति मिलेगी जिससे वे पढ़ाई-लिखाई पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे। वहीं दूसरी तरफ, अभिभावकों को इसकी गुणवत्ता से शिकायत नहीं होगी, स्थानीय स्तर पर बाजार विकसित होगा।  कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों  निशुल्क यूनिफार्म केन्द्र सरकार और जूता-मोजा, स्वेटर व स्कूल बैग राज्य सरकार अपने से उपलब्ध कराती है।  

इसके लिए विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। अभिभावकों के खातों को आधार से जोड़ने और उन्हें सक्रिय करने पर जोर है। केवल उन्हीं खातों में धनराशि भेजी जाएगी जिनमें पिछले दो महीने में लेनदेन हुआ हो। निष्क्रिय खातों में धनराशि नहीं भेजी जाएगी। इन सभी खातों को पीएफएमएस पेार्टल पर करने के बाद ही डीबीटी किया जाएगा। इन सामानों के लिए 1056 रुपए भेजे जाने की योजना है जिसमें 600 रुपए में दो जोड़ा यूनिफार्म, 200 रुपए स्वेटर, 135 रुपए में एक जोड़ी जूता, 21 रुपए में एक जोड़ी मोजा, 100 रुपए में बैग दिया जाना है।