यूपी चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी गलियारों में एक बार फिर ओम प्रकाश राजभर की भाजपा वापसी की चर्चा चल रही है। इस बात को हवा इसलिए भी मिली क्योंकि बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने शनिवार को एक बार फिर ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात की। हालांकि इन दोनों में क्या बातें हुईं यह सामने नहीं आ पाई है पर कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ओम प्रकाश राजभर को अपने खेमे में फिर से शामिल करना चाहती है। इसलिए दयाशंकर सिंह उनसे बार-बार मुलाकात कर रहे हैं।

यही नहीं बीजेपी का सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने एक प्रेसवार्ता में कहा था कि सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर फिर से साथ आएंगे, इसके लिए कोशिश की जा रही है। डॉ. संजय निषाद ने कहा कि ओम प्रकाश राजभर हमारे भाई हैं। पता नहीं कौन उनका राजनीतिक सलाहकार बन गया है जो बार-बार उनका नुकसान करा दे रहा है। वह हम लोगों के साथ आएंगे, इसके लिए कोशिश की जा रही है। 

इन शर्तों को रखने के बाद अलग हुए थे राजभर
ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी से अलग होने से पहले कई शर्तें रखी थी। सबसे बड़ी शर्त यह रखी कि भाजपा पिछड़ी जाति से किसी नेता को मुख्यमंत्री चेहरा बनाए। भाजपा इन मांगों को पूरा करने के लिए आगे आती है तो वह उनके साथ हैं। ओम प्रकाश राजभर ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात को भी गठजोड़ से जोड़कर ही देखा जा रहा था।