पांच दिन तक लगातार हुई बारिश का असर नदियों के जलस्तर पर दिखाई दे रहा है। रामगंगा से सटे बरेली के 154 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। अलर्ट जारी कर दिया गया है। रामगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को 160.220 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान से दो मीटर नीचे है।

प्रशासन ने बाढ़ की आशंका वाले गांवों में 49 बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दीं हैं। अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। जिला आपदा राहत अधिकारी ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को अलर्ट कर दिया है। बाढ़ से बचाव के इंतजाम करने को कहा है। एडीएम फाइनेंस ने अस्थाई राहत कैंप बनाने की तैयारी करने को कहा है। कैंप की संचालन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। ड्राई राशन, दवाइयां और कपड़ों की व्यवस्था करने को कहा है। ताकि आपात स्थिति से निपटा जा सके। राहत कैंप ऊंचे स्थान पर बनाने को कहा। कैंप में महिला और बच्चों के रहने के लिए बेहतर इंतजाम करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग को जरूरी दवाइयां मौजूद रखने को कहा है। पशुपालन विभाग को पशुओं के चारे और उपचार की व्यवस्था करने को कहा है। बाढ़ राहत चौकियों पर शिकायत पंजिका भी मौजूद रहेगी।

50 गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कटा
बारिश से किच्छा नदी का पानी दुनका-बिहारीपुर मार्ग पर भर गया। इससे 50 गांवों के ग्रामीणों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। बसई, सुल्तानपुर, दुनका, धर्मपुरा की गोटिया आदि गांव के किसान बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गए। किच्छा नदी पर बना पुल बीते वर्ष क्षतिग्रस्त हो गया है। यातायात पूरी तरह से बंद हो गया था। दुनका के विनोद, मोहनलाल, ईश्वरी प्रसाद, रामपाल, रामकुमार, कैलाश चंद आदि ने बताया कि फसलें तबाह हो गईं।

जलाशय भरने के करीब
धौरा, बहगुल और नानक सागर जलाशय से बरेली की नहरों को पानी मिलता है। तीनों करीब करीब भर चुके हैं। कुछ और दिन बारिश हुई तो जलाशयों से पानी निकालना होगा। धौरा जलाशय में 214.88 मीटर, बहगुल में 208.30 मीटर और नानक सागर में 213.88 मीटर पानी था।

अधिकारी करते रहे सर्वे
मंगलवार को बारिश नहीं हुई। एडीएम फाइनेंस राजस्व व कृषि विभाग की टीम के साथ बारिश से फसलों के नुकसान का जायजा लेने देहात क्षेत्र में गए।