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यूपी स्टार्टअप नीति-2021 को मंजूरी, अब नई कंपनी लगाने पर मिलेगी 200 करोड़ तक की सब्सिडी, ये सुविधाएं भी देगी सरकार

प्रदेश कैबिनेट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2021 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत संयंत्र, मशीनरी के निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी कुल निवेश राशि का 15 फीसदी होगी और अधिकतम 200 करोड़ रुपये तक हो सकेगी। सरकार यह सब्सिडी सात साल की अवधि में किश्तों में देगी। पहली किश्त वास्तविक उत्पादन शुरू होने पर दिया जाएगा।

इसी के साथ हर फार्मा पार्क प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये की अधिकतम सब्सिडी के तहत सात वर्षों के लिए हासिल किए गए ऋण के ब्याज पर 50 फीसदी की छूट दी जाएगी। इस नीति से उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020 में स्थापित स्टार्टअप फंड के उपयोग से चिकित्सा को बढ़ावा मिलेगा। 

नीति के तहत निजी फार्मास्युटिकल पार्कों में सामान्य बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं को विकसित करने के लिए पूंजीगत सब्सिडी निवेश मूल्य का 15 फीसदी होगी। यह अधिकतम 25 करोड़ रुपये की सीमा के अधीन है। सड़क, पार्क, ड्रेनेज सिस्टम के निवेश पर कैपिटल सब्सिडी नहीं दी जाएगी।

इकाइयों को प्रोत्साहन

अधिकतम एक करोड़ प्रति वर्ष सब्सिडी के अधीन, संयंत्र और मशीनरी की खरीद के लिए हासिल किए गए ऋण पर प्रतिपूर्ति के रूप में पांच वर्षों के लिए ब्याज राशि का 50 फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रति यूनिट प्रतिवर्ष दिया जाएगा। रिसर्च के लिए सब्सिडी- औद्योगिक अनुसंधान, गुणवत्ता सुधार और उत्पादों के विकास के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं और गुणवत्ता प्रमाणन प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए संयंत्र, मशीनरी, उपकरणों की खरीद पर खर्च के लिए हासिल किए गए ऋण पर प्रतिपूर्ति के रूप में 5 वर्ष के लिए हर वर्ष ब्याज राशि का 50 फीसदी ब्याज सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा, जो दो करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगा।

बल्क ड्रग पार्कों व चिकित्सा युक्ति पार्कों में स्थापित इकाइयों को 10 वर्ष की अवधि के लिए ब्याज अनुदान दिया जाएगा। कच्चे व तैयार माल को देश के अंदर लाने अथवा बाहर ले जाने के लिए सरकार द्वारा समय समय पर तय की गई दर पर एयर कार्गो हैंडलिंग चार्ज और फ्रेट चार्ज के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। 

नये अनुसंधान के लिए लिए गए कर्ज पर 60 फीसदी ब्याज प्रतिपूर्ति

बायोटेक, चिकित्सा युक्तियों और फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए स्थापित नए अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को ऐसी सुविधा स्थापित करने के लिए हासिल ऋण पर 60 फीसदी ब्याज की प्रतिपूर्ति के रूप में पूंजीगत ब्याज सब्सिडी प्रति परियोजना दो करोड़ रुपये अधिकतम दी जाएगी। क्लिनिकल परीक्षण नीति अवधि के दौरान एक वित्तीय वर्ष में प्रदेश के अंदर स्थित अनुसंधान एवं विकास कार्यों पर प्रति परीक्षण पर किए गए कुल व्यय का 75 फीसदी अधिकतम दो करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। 

प्रदेश के अंदर स्थित यूजीसी, सरकार, एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास संस्थान को किसी भी औद्योगिक इकाई अथवा उद्योग संघ द्वारा प्रायोजित बायोटेक व फार्मास्युटिकल अनुसंधान परियोजनाओं के अनुसंधान कार्य की लागत का 50 फीसदी भूमि व भवन लागत को छोड़कर। इस सब्सिडी पर अधिकतम दो करोड़ रुपये की सीमा के अधीन विचार किया जाएगा। 

घरेलू पेटेंट फाइलिंग लागत की 100 फीसदी प्रतिपूर्ति होगी

प्रदत्त पेटेंट पर घरेलू पेटेंट के लिए पेटेंट फाइलिंग लागत का 100 फीसदी तक अधिकतम 1.5 लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट पर फाइलिंग लागत का 50 फीसदी तक अधिकतम पांच लाख रुपये प्रतिपूर्ति की जाएगी। आयुष और फाइटोमेडिसिन का निर्माण करने वाली इकाइयां नीति अवधि में प्रदत्त पेटेंट पर वास्तविक फाइलिंग लागत की पूरी लागत की प्रतिपूर्ति ले सकेंगी। 

निर्यात प्रमाणन आवेदन पर व्यय का 50 फीसदी प्रतिपूर्ति 

निर्यात के लिए प्रमाणन अथवा अनुमोदन या किसी अंतरराष्ट्रीय प्रमाण पत्र, अनुमोदन के लिए किए गए आवेदन व्यय का 50 फीसदी प्रति यूनिट अधिकतम 10 उत्पाद तक 25 लाख रुपये प्रति उत्पाद के अधीन प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह प्रोत्साहन कम से कम 100 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक निर्यात के सत्यापन के बाद दिया जाएगा।

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