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हिरासत में मारे गए सफाई कर्मचारी के परिजनों का एक ही सवाल कब पकड़े जाएंगे पुलिस वाले?

पुलिस हिरासत में मारे गए सफाई कर्मचारी अरुण नरवार के परिजनों को पुलिस पर भरोसा नहीं है। उनका आरोप है कि हत्या के मुकदमे में लीपापोती की जा रही है। तीन दिन बाद भी यह पता नहीं चल सका है कि जांच कौन करेगा। हत्यारोपी पुलिस वाले कब पकड़े जाएंगे। यह कोई बताने वाला नहीं है।

अरुण की मां कमला देवी, पत्नी सोनम और भाई रिंकू ने शुक्रवार को नेताओं के सामने भी यही मांग रखी। दिनभर नेताओं के आने-जाने का सिलसिला चला। घरवालों ने कहा कि उन्हें इंसाफ कहां मिला है। मुआवजा और सरकारी नौकरी की घोषणा इंसाफ नहीं है। अरुण की जान लेने वाले पुलिस वाले अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। उनके नाम खोले नहीं गए हैं। आखिर वे कब पकड़े जाएंगे। मुकदमा लिखने का मतलब इंसाफ नहीं होता है। अरुण पर चोरी का शक था। उनके तो खानदान को उठा लिया गया। हत्या तो चोरी से बड़ा अपराध है। यह अपराध खाकी वर्दीवालों ने किया है। मुकदमा दर्ज है। हत्यारोपी के खिलाफ कार्रवाई तो दूर की बात अभी तक यह भी नहीं पता है कि जांच कौन करेगा। परिवारीजनों के बयान तक दर्ज नहीं हुए हैं। उन्हें इंसाफ तभी मिलेगा जब हत्यारोपी पुलिस वाले पकड़े जाएंगे। उन्हें सजा होगी।

अरुण के परिजनों ने यह सवाल नेताओं से दागे थे। भाजपा नेताओं ने पुल छिंगा मोदी में तैनात पुलिस अधिकारियों से मुकदमे के बारे में पूछा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि निष्पक्ष जांच के लिए विवेचना अलीगढ़ रेंज ट्रांसफर की गई है। आईजी रेंज अलीगढ़ यह आदेश करेंगे कि विवेचना किस जिले से होगी। आगरा पुलिस इस मुकदमे में जांच ही नहीं कर रही है। पुलिस खुद आरोपित है इसलिए विवेचना दूसरे जनपद से कराई जा रही है। नेताओं ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि कार्रवाई भी होगी। उन्हें इंसाफ मिलेगा। वे भरोसा रखें। भाजपा सरकार में उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

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