महिलाओं को लेकर 33 फीसदी के आरक्षण जैसी बातें तो खूब होती आई हैं लेकिन चुनावों में टिकट देने में किसी भी दल ने दरियादिली नहीं दिखाई है। ऐसे में कांग्रेस की 40 फीसदी टिकट पर महिलाओं की भागीदारी ऐतिहासिक घोषणा मानी जाएगी। पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने कुल 96 महिलाओं को ही टिकट दिया था।

40 फीसदी तो दूर की बात है बल्कि 2017 के चुनाव में सिर्फ 40 महिला विधायक चुनी गई थीं जिसमें से दो कांग्रेस की थीं। एक आराधना मिश्रा मोना कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता हैं और दूसरी रायबरेली के कद्दावर नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह है। वर्ष 2017 में महिलाओं को सबसे ज्यादा 46 टिकट देने वाली भाजपा से 34 महिला विधायक सदन पहुंची थीं।

राजनीतिक जानकार कहते हैं कि बातें चाहे जैसी हों लेकिन सामान्य महिलाओं को टिकट देने के नाम पर आनाकानी की जाती है। वर्ष 2017 भाजपा ने 46 टिकट दिए थे जो कि कुल सीटों का 12 फीसदी था। सपा व कांग्रेस ने मिल कर चुनाव लड़ा था तो 114 सीटों में से 12 पर कांग्रेस ने महिलाओं को टिकट दिया था और सपा ने 34 महिलाएं उतारी थीं। बसपा ने 21 महिलाओं को ही टिकट दिया था।