मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में जहां ब्राह्मण चेहरों पर ज्यादा भरोसा जताया गया है, वहीं विभाग बंटवारे में पश्चिमी यूपी के मंत्रियों को तवज्जो दी गई है। नए चेहरों के साथ ही पुराने और निष्ठावान मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी दी गई है। कामकाज के बंटवारे में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। पीएमओ में तैनात रहे एके शर्मा को ऊर्जा व नगर विकास की दोहरी जिम्मेदारी दी गई है। हाल के दिनों में ये दोनों विभाग किसी एक मंत्री के पास नहीं रहे हैं। कभी लालजी टंडन जैसे भाजपा के कद्दावर नेता के पास ही ऊर्जा और नगर विकास विभाग हुआ करते थे। 

ब्राह्मण समाज को मिली तवज्जो

बंटवारे में ब्रजेश पाठक का कद और बढ़ा दिया गया है। वह पहले न्याय व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग संभाल रहे थे। उन्हें स्वास्थ्य विभाग की पूरी जिम्मेदारी दी गई है। यूपी में कई मेडिकल कालेजों का निर्माण होना है। इस लिहाज से भी ब्रजेश पर अधिक भरोसा किया गया है। पहले उन्हें डिप्टी सीएम बनाकर और अब महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर ब्राह्मण समाज को संदेश देने की कोशिश की गई है। कुछ ऐसा ही संदेश आगरा के योगेंद्र उपाध्याय को पूर्व डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा के कुछ विभाग देकर और कांग्रेस छोड़कर आए जितिन प्रसाद को केशव प्रसाद मौर्य के पास रहे पीडब्ल्यूडी जैसे अहम विभाग देकर किया गया है।

निष्ठा को मिला मौका

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को उनकी संगठन में की गई मेहनत का तोहफा दिया गया है। वह योगी सरकार बनने पर परिवहन मंत्री बनाए गए थे, बाद में उन्हें संगठन में भेज दिया गया था। उन्हें प्रोन्नत कर अब प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी हर घर नल योजना का काम संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। आईपीएस की नौकरी छोड़कर सियासत में आए असीम अरुण को समाज कल्याण जैसा विभाग देकर दलितों में पैठ मजबूत बनाने की कोशिश है। कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह को प्रोन्नत कर इस बार स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया है। वहीं उन्हें बेसिक शिक्षा जैसा बड़ा विभाग देकर लोध समाज को साधा गया है। संगठन व पार्टी के प्रति निष्ठा को महत्व देते हुए गुलाब देवी को माध्यमिक शिक्षा जैसा अहम विभाग दिया गया है।

पश्चिमी यूपी के मंत्रियों का बढ़ाया कद

बंटवारे में पश्चिमी यूपी के मंत्रियों का कद बढ़ा कर वहां रहे असंतोष को साधने की कोशिश हुई है। गन्ना एवं चीनी मंत्री रहे शामली के सुरेश राणा का विभाग पश्चिमी यूपी के ही चौधरी लक्ष्मी नारायण को दिया गया है। जयवीर सिंह को पर्यटन जैसा महत्वपूर्ण विभाग मिला है। बरेली के धर्मपाल सिंह जो पहली सरकार में मंत्रिमंडल से हटा दिए गए थे, उन्हें जीतने का तोहफा देते हुए एक साथ छह विभाग दिए गए हैं। सबसे आश्चर्यजनक तो बेबीरानी मौर्य के विभाग रहे। उन्हें माना जा रहा था कि कैबिनेट में महत्वपूर्ण काम दिया जाएगा मगर उन्हें स्वाति सिंह के विभाग दे दिए गए हैं। 

सपा से आए राकेश सचान को महत्व

समाजवादी पार्टी से आए राकेश सचान को सिद्धार्थनाथ सिंह के विभाग दिए गए हैं। इसके जरिये पार्टी ने कुर्मी वोटों को संदेश देने की कोशिश की है। इसी तरह चुनाव से कुछ पहले सपा से आए नितिन अग्रवाल को आबकारी देकर बड़ा संदेश दिया गया है। कांग्रेस से आए दिनेश प्रताप सिंह को उद्यान एवं कृषि विपणन जैसे खास विभाग दिए गए हैं।