उत्तर प्रदेश के आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो की जांच एसआईटी करेगी। यूपी सरकार ने डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा के नेतृत्व में एक एसआईटी बनाई है। जिसमें एडीजी ज़ोन भानु भास्कर भी रहेंगे। बता दें कि सोमवार को कई वीडियो वायरल हुए थे जिसमें। कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त सीनियर आईएएस व वर्तमान में यूपीएसआरटीसी के अध्यक्ष इफ्तिखारुद्दीन कुछ मुस्लिम समाज के लोगों के साथ बैठे दिखे और धर्म परिवर्तन के फायदे गिना रहे वक्ता को सुन रहे थे। इतना ही नहीं वीडियो में आईएएस इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम धर्म के प्रचार की बातें भी कर रहे हैं।
तीन वीडियो वायरल हुए
वीडियो एक सुसज्जित घर के अंदर के हैं जो देखने में सरकारी आवास जैसा लग रहा है। इसमें एक वक्ता जमीन पर बैठे लोगों को संबोधित कर रहा है। वह कहता है कि अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश-दुनिया में काम कर सकते हैं। उसके बाद इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम में होने के फायदे गिनाते हैं। वह कहते हैं-ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है। सीनियर आईएएस के साथ जिस वक्ता का वीडियो वायरल हुआ है, वह अधिकारी समेत वहां जमीन पर बैठे अन्य लोगों को बताता है कि पंजाब में एक व्यक्ति ने इस्लाम कबूल कर लिया। मैंने उनको इस्लाम कबूल करने के लिए दावत नहीं दी थी। मैंने उनसे इस्लाम कबूल करने की वजह पूछी। इसके आगे आपत्तिजनक संवाद हैं। एक वीडियो में आईएएस ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब का भी जिक्र किया है। दूसरे वीडियो में वह कहते हैं कि हर घर में अल्लाह का दीन दाखिल होना है, करना चाहिए।