प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में 18 दिन बीतने के बाद भी यूपी पुलिस के हाथ खाली हैं। लगातार शूटरों की तलाश की जा रही है, लेकिन पुलिस अभी तक शूटरों तक नहीं पहुंच पाई है। प्रयागराज से लखनऊ और पड़ोसी देश नेपाल में भी यूपी पुलिस की 22 टीम शूटरों की तलाश में जुटी हैं। यूपी पुलिस की हिट लिस्ट में माफिया अतीक अहमद का बेटा असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर हैं। इन पांचों आरोपियों पर एक बार फिर से ईनाम की राशि बढ़ा दी गई है।

प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और चार अन्य शूटरों पर शासन ने इनाम की धनराशि 2.50-2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5-5 लाख रुपये कर दी है। पुलिस इनकी देश के कई राज्यों सहित पड़ोसी देश नेपाल में भी तलाश कर रही है।

घटना के 18 दिन बीत जाने के बाद भी इनका सुराग न मिलने पर इनके सिर पर रखे गए ढाई लाख के इनाम को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। पांच का लाख का इनामी होने के बाद असद अहमद अतीक अहमद के परिवार का सबसे बड़ा इनामी और यूपी का मोस्ट वांटेड बन गया है।

ध्यान रहे कि इससे पहले डीजीपी मुख्यालय ने पांचों की गिरफ्तारी पर इनाम की धनराशि 50-50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2.50-2.50 लाख रुपये की थी। सोमवार को प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने वारदात को अंजाम देने वाले शूटर असद, अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर पर इनाम की धनराशि बढ़ाकर 5-5 लाख रुपये करने का आदेश जारी कर दिया। इनमें से अरमान पर सात, असद पर एक, गुलाम पर आठ, गुड्डू मुस्लिम और साबिर पर एक-एक मुकदमा दर्ज है।

असद समेत पांचों शूटर प्रयागराज के सबसे बड़े इनामी बने
अतीक के बेटे असद, गुड्डू मुस्लिम, अरमान, साबिर और गुलाम पर प्रदेश का सबसे बड़ा इनाम घोषित हुआ है। आजादी के बाद अब तक किसी भी फरार आरोपी या आरोपियों पर पांच लाख का इनाम घोषित नहीं हुआ था। पांच लाख तो दूर की बात ढाई लाख का इनाम भी इससे पहले महज कुछ ही लोगों पर रखा गया था। प्रयागराज में सबसे पहले एक लाख का इनाम 2010 में अशरफ पर रखा गया था।

नंदी हमला मामले के मुख्य आरोपी राजेश पायलट पर सबसे ज्यादा ढाई लाख का इनाम रखा गया। इसके बाद अतीक के बड़े बेटे उमर पर भी ढाई का इनाम घोषित हुआ था। फिर उमेश पाल हत्याकांड में असद समेत अन्य आरोपियों पर भी ढाई ढाई लाख का इनाम हुआ था। अब असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, अरमान और साबिर पर पांच पांच लाख का इनाम घोषित कर दिया गया। पांचों प्रयागराज के सबसे बड़े इनामी बन गए हैं।

गिरफ्तारी से बचने के लिए शाइस्ता ने दाखिल की अग्रिम जमानत अर्जी
उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपित शाइस्ता परवीन ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला न्यायालय में सोमवार को अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है। अदालत मंगलवार को इस पर सुनवाई के लिए तिथि तय कर सकती है।

अपनी अर्जी में शाइस्ता ने कहा है कि उसका इस घटना से कोई लेनादेना नहीं है और न ही कोई मतलब है। उसे सियासी रंजिश में फंसाया गया है। शाइस्ता के अधिवक्ता सौलत हनीफ खान ने कहा कि अर्जी दाखिल हो गई है।

अब कोर्ट के आदेश पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी। उमेश पाल हत्याकांड मामले में शाइस्ता फरार होने की वजह से 25 हजार रुपये की इनामी हो चुकी है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। गिरफ्तारी से बचने के लिए शाइस्ता ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है।

उमेश पाल हत्याकांड: सुरक्षा की मांग को लेकर अशरफ पहुंचा हाईकोर्ट
उमेश पाल हत्याकांड में नामजद किए गए अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की है। कोर्ट इस मामले में तिथि तय होने के बाद सुनवाई करेगी। उधर, अशरफ ने जिला न्यायालय इलाहाबाद में भी सीजेएम कोर्ट के समक्ष इसी मांग को लेकर अर्जी दाखिल की है। कहा है कि न्यायिक प्रक्रिया वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूरी की जाए।

जिला न्यायालय इलाहाबाद में भी दाखिल की है अर्जी
अशरफ ने अपनी अर्जी में कहा है कि वह उमेश पाल अपहरण कांड में इलाहाबाद की विशेष अदालत एमपीएमएलए के आदेशानुसार न्यायिक अभिरक्षा में बरेली जिला जेल-द्वितीय में निरुद्ध है। उसे मीडिया में आई खबरों के माध्यम से 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या की जानकारी हुई है। अधिवक्ता द्वारा ज्ञात हुआ कि उसे भी इस प्राथमिकी में नामित किया गया है। मीडिया में आई खबरों से उसे यह विश्वास हो गया है कि उसे भी इस मुकदमे में गिरफ्तार किए जाने के पश्चात न्यायिक अभिरक्षा में लेने की प्रक्रिया में विधि विशेषज्ञों के साथ टीम लगी हुई है। 

क्योंकि, वह निरुद्ध है और कहीं बाहर नहीं जा सकता है। ऐसी स्थिति में विवेचक से उसकी गिरफ्तारी/न्यायिक अभिरक्षा के संबंध में आख्या तलब की जाए। यदि विधि अनुसार न्यायिक अभिरक्षा आवश्यक हो तो वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये न्यायिक कार्यवाही को पूरा किया जाए। हाईकोर्ट में इस मामले में फिलहाल अभी कोई तिथि तय नहीं है, जबकि जिला न्यायालय की सीजेएम कोर्ट ने धूमनगंज पुलिस से आख्या तलब कर सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि तय की है।