श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला सुनने योग्य है या नहीं, इस पर जिला जज की अदालत में आज दोपहर दो बजे से बहस होगी। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से इस मामले को खारिज करने के पक्ष में दलीलें पूरी होने के बाद वादी पक्ष और जिला शासकीय अधिवक्ता पक्ष रखेंगे। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष पहले दिन करीब दो घंटे तक बहस कर चुका है। अभी भी कई जरूरी बिंदु बहस के लिए रह गए हैं। 

श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दाखिल वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर अदालत में कमेटी की ओर से दलीलें पिछली तारीख (26 मई) पर जारी रही थीं। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में कमेटी की तरफ से अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने दो घंटे तक दलीलें रखी थीं। समयाभाव के चलते जिला जज ने इसे जारी रखते हुए 30 मई की तिथि तय की थी। 

इसके अलावा, वादी पक्ष की ओर से वजूस्थल पर मिले शिवलिंग के नीचे की दीवार और बांस बल्ली को हटाकर सर्वे की मांग की गई है, जबकि डीजीसी सिविल ने वजूस्थल के तालाब में बरामद मछलियों को संरक्षित करने की मांग का आवेदन दिया है। दोनों ही आवेदन का निपटारा किया जाना लंबित है।

पक्षकार बनने के लिए आवेदन
जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में आज लार्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने रूल 1 आदेश 10 के तहत पक्षकार बनने और पोषणीयता पर सुनने का अनुरोध किया। 

ज्ञानवापी मामले की आज सुनवाई – फोटो : अमर उजालाज्ञानवापी परिसर में सर्वे से जुड़ी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की कॉपी वादी और प्रतिवादी पक्ष को आज उपलब्ध करवाई जा सकती है। बीते शुक्रवार को अदालत पहुंचे दोनों पक्षों को तकनीकी कारणों से कॉपी नहीं दी जा सकी थी।  कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह द्वारा 19 मई को जिला जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल कमीशन की रिपोर्ट, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी साक्ष्य के रूप में जिला जज के यहां स्थानांतरित कर दिए गए हैं। वादी और प्रतिवादी पक्ष ने इन साक्ष्यों की कॉपी की मांग की है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है कि पक्षकारों को ही कॉपी उपलब्ध करवाई जाए।