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उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की ‘क्रूर’ बहन पर क्यों टिकी दुनिया की निगाहे

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की मौत को लेकर तमाम अटकलों का बाजार गर्म है । जितनी मुंह उइतनी बातें हो रही है । कभी उनके ब्रेन डेड होने की बात सामने आ रही है । तभी कभी दावा किया जा रहा है कि किम जोंग उन की हालत स्थिर है । वो अभी मरा नहीं है ।

अब इन आशंकाओं के बीच डिक्टेटर किम जोंग उन के उनके नए उत्तराधिकारी की चर्चा भी करने लगे हैं। ये उत्तराधिकारी और कोई नहीं बल्कि उसकी सगी बहन है जिसका नाम किम यो-जोंग हैं। ऐसी अटकले लगाई जा रही है कि अगर किम जोंग उन की मौत होती है तो किम यो-जोंग ही उत्तर कोरिया की अगली तानाशाह बनेंगी। कहा जाता है कि किम यो जोंग अपने भाई से भी ज्यादा निर्दयी साबित हो सकती हैं।

किम यो-जोंग क्यों है सत्ता की दावेदार

साल 1988 में जन्मीं किम यो-जोंग नॉर्थ कोरिया के पूर्व तानाशाह किम जोंग-इल की पांचवीं और सबसे छोटी बेटी हैं। पढ़ाई पूरा करने के बाद वह पिता की प्रमुख सहयोगी बनी। 2011 में अपने पिता की मौत के बाद से वह अपने भाई किम जोंग उन की करीबी सहयोगी बन गई ।

किम यो-जोंग सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की शक्तिशाली केंद्रीय समिति की उपाध्यक्ष भी हैं।   सत्ताधारी पार्टी पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।  तानाशाह किम जोंग की मौत के बाद बहन को सत्ता की चाबी मिलने की ज्यादा संभावना इसलिए भी है क्योंकि वह अपने पिता के साथ-शाथ अपने भाई के साथ रहकर राजनीति करना बखूबी जान गईं हैं ।

किम यो-जोंग पर दुनिया की निगाहें

किम यो-जोंग अपने तानाशाह से किसी भी तरह से तानाशाही में कम नहीं है । वो अपने भाई की तरह ही बेहद खतरनाक है । ऐसा कहने के पीछे तर्क है । इसे कुछ इस तरीके से जानिए दरअसल पिछले महीने मार्च में नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर कार्यक्रम पर साउथ कोरिया ने आपत्ति जाहिर की थी। इसके बाद तानाशाह की 31 साल की बहन किम यो-जोंग साउथ कोरिया पर भड़की थीं और कहा था, ‘डरे हुए कुत्ते भौंक रहे हैं।’ यही नहीं किम यो-जोंग को हथियारों से खेलने का शौक है। 

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