लखनऊ, 29 फरवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में विधायक निधि को दो करोड़ प्लस जीएसटी से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये किए जाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इसे लेकर वित्तमंत्री की अध्यक्षता में दलीय नेताओं की एक कमेटी गठित हो, जिसमें सदस्यों से विभिन्न विभागों से जुड़े हुए प्रस्तावों को लेकर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्व विधायकों और वर्तमान विधायकों के वेतन, भत्तों और पेंशन को बढ़ाने को लेकर भी दलीय नेताओं की एक कमेटी गठित की जाए, जिसकी अध्यक्षता संसदीय कार्यमंत्री या वित्तमंत्री करें और इस विषय में सार्थक चर्चा हो।
योगी ने कहा कि संसद की तर्ज पर विधानसभा की कार्यवाही को कैसे और समृद्ध बना सकते हैं, इसे लेकर भी दलीय नेताओं की एक कमेटी गठित होनी चाहिए। उन्होंने कहा, कैसे हम नियमों के अंदर आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करते हुए इसको और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं, कमेटी में इस पर चर्चा होनी चाहिए। यह देश का सबसे बड़ा विधानमंडल है, हमें इस पर विचार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, विपक्ष का आरोप है कि सरकार सदन नहीं चलने देना चाहती है। यह बजट सत्र है, जो बजट तक ही सीमित होता है। अन्य जिन मुद्दों को सदस्यों ने इस दौरान रखा है, उन पर भी चर्चा हुई। सरकार ने हमेशा कहा है कि किसी भी मुद्दे पर सार्थक बहस के लिए हम तैयार हैं। इस सत्र में सदस्यों की चर्चा का स्तर समृद्ध और गंभीर था। उत्तर का स्तर भी उसी प्रकार समृद्ध एवं गंभीर रहा। पूरे सत्र के दौरान मंत्रियों द्वारा दिए गए वक्तव्य और सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दे इस सबका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, उत्तर प्रदेश विधानमंडल की पिछले 15 वर्षो की कार्यवाही को देखें तो हमने एक सत्र में जितना सदन चलाया है, विपक्ष एक वर्ष में भी नहीं चला पाया था। इस विषय में विपक्ष को प्रश्न करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, हमने कई अवसरों पर विशेष सत्र का आयोजन किया है। सतत विकास लक्ष्य, रिजर्वेशन और संविधान दिवस पर इस सदन में विशेष चर्चा हुई थी। ये तीन विशेष सत्र सामान्य चलने वाले सत्रों के बाद अतिरिक्त रूप से पिछले वर्ष चलाए गए थे। सदन संवाद का सबसे सशक्त माध्यम है। संवाद को कौन लोग बाधित करने वाले हैं, उनके वास्तविक चेहरे को पूरे प्रदेश ने देखा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हर घर नल योजना के पहले चरण के तहत आगामी दो वर्ष में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश सरकार इसे और आगे बढ़ा रही है और इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।