अयोध्या की घटना स्वामी रामभद्राचार्य भूले नहीं | हिंदू लड़कियों को स्वामी रामभद्राचार्य का आदेश !

रामभद्राचार्य के निशाने पर अखिलेश… रामभद्राचार्य का स्वामी पर बड़ा प्रहार… कही ऐसी बात सुनकर आएगा गुस्सा
रामभद्राचार्य का हिंदू लड़कियों को संदेश… बता दिया यही है अपना आदेश… आप इस पर चलो हम आपके साथ हैं
अयोध्या की घटना स्वामी रामभद्राचार्य भूले नहीं… कहे रहे हैं… राम भक्तों के खून का बदला गिन गिनकर लिया जाएगा

तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य के निशाने पर अखिलेश हैं… स्वामी प्रसाद मौर्य है… वो लोग हैं… जो हिंदू धर्म का अपमान करते आए… सबसे गिनगिनकर बदला लेने की बात कह रहे हैं… हालांकि रामभद्राचार्य ने किसी का नाम नहीं लिया है… लेकिन इशारा तो उधर ही गया है… राम भद्राचार्य ने कुछ ऐसी बात कही… कुछ ऐसी चुनौती दी… जिससे ऐसा लगा वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से कह रहे हैं… सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य से कह रहे हैं… ओपी राज भर से कह रहे हैं… उन जैसे तमाम नेताओं से कह रहे हैं… ऐसा है… तो ऐसा करके दिखाओं फिर मैं मान जाऊंगा… जो कहोगे मैं वहीं करूंगा… जगदगुरू रामभद्राचार्य ने अखिलेश से लेकर स्वामी को क्या चुनौती दी… उसके बारे में बताएंगे… लेकिन उससे पहले जानिए लव जिहाद को लेकर उन्होंने क्या बयान दिया
आगरा में रामकथा सुनाने के दौरान उन्होंने कहा,

लव जिहाद के नाम पर हिंदू लड़कियों को विधर्मी फंसा रहे हैं… बहनों, जो तुम्हारी ओर गलत दृष्टि से देखे, उसकी आंख निकाल लो… फिर जो मुकदमा होगा मैं देख लूंगा…हिंदू लड़कियां अपनी इज्जत स्वयं बचाएं… हाथ में कड़ा पहनने के साथ-साथ कटार चलाने का अभ्यास करो और बन जाओ लक्ष्मीबाई…

ये लव जिहाद पर रामभद्राचार्य की राय रही… लेकिन उससे आगे उन्होंने जो कहा वो उन नेताओं के लिए था… जातिवाद के लिए ब्राह्मणों को दोषी ठहराते हैं….रामभद्राचार्य ने नेताओं से जातिवाद के नाम पर आरक्षण को खत्म करने की मांग की… उन्होंने कहा ,

कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों ने जातिवाद को जन्म दिया। हमने जातिवाद को जन्म नहीं दिया। जातिवाद कुर्सी के भेड़िए नेताओं ने फैलाया है। अगर सभी जातियां समान हैं, तो क्यों जातिवाद के नाम पर आरक्षण किया? नेताओं से मैं कह रहा हूं, मेरी चुनौती है, मां का दूध पिया है असली, तो तुम जातिवाद के आधार पर आरक्षण खत्म करवाओ

रामभद्राचार्य यही नहीं रुकते हैं… वो आगे लिखते हैं…

जब रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ बनेगी, तभी समाज का सुधार हो सकेगा।

इससे पहले 7 अप्रैल को रामकथा के दौरान ही स्वामी रामभद्राचार्य ने राम भक्तों के एक-एक खून का बदला लिए जाने की बात कही थी..उन्होंने कहा था, हमने किसी का अपमान नहीं किया, लेकिन हमारे 7 ग्रंथों का अपमान हुआ हैययय हिंदुत्व का अपमान हुआ है… याचना नहीं अब रण होगा, संग्राम महाभीषण होगा…1990 की घटना को हम भूले नहीं हैं। निहत्थे राम भक्तों पर गोली चला दी गईं… सरयू मैया खून से लाल हो गईं… अब राम भक्तों के एक-एक खून का बदला लिया जाएगा…

जगदगुरु रामभद्राचार्य का वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ…वो रामानन्द सम्प्रदाय के 4 जगदगुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं। इस पद पर साल 1988 से हैं… बताया जाता है कि 2 माह की उम्र में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी…रामभद्राचार्य 22 भाषाओं के जानकार हैं… अब तक 80 पुस्तकों और ग्रंथों की रचना कर चुके हैं… वे सुनकर सीखते हैं और बोलकर अपनी रचनाएं लिखवाते हैं… चित्रकूट स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ के संस्थापक हैं… साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था… सिर्फ यही नहीं, रामभद्राचार्य ने ही सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के संदर्भ के साथ गवाही दी थी…