देहरादून, 18 दिसम्बर (आईएएनएस)। उत्तराखंड राज्य पुलिस सूबे के हर कोने को क्लोज स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट कैमरों से लैस करने की तैयारियों में जुटी है, ताकि अपराधियों के दिल में पुलिस और पकड़े जाने का भय पैदा हो सके। जबकि आमजन में पुलिस इन सीसीटीवी की मदद से सुरक्षा की भावना पैदा कर सके। इसी क्रम में 15 दिसंबर, 2019 तक राज्य पुलिस द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियानों के तहत 8390 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेलों में डाला जा चुका है। जबकि 42 ऐसे आपराधिक गिरोहों की पहचान कर ली गई है, जो राज्य में मौजूदा वक्त में सक्रिय हैं।

राज्य के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने बुधवार को आईएएनएस के साथ फोन पर हुई बातचीत में कहा, सूबे में पंजीकृत 42 गिरोहों के कुल 330 सदस्यों में से 56 की 15 दिसंबर, 2019 तक मौत होने की सूचना जुटाई गई। बाकी बदमाशों में से 130 अभी तक राज्य के विभिन्न इलाकों में सक्रिय हैं। इनकी धरपकड़ के लिए राज्य पुलिस लगातार विशेष अभियान चला रही है। 144 बदमाशों के फिलहाल एकदम शांत पड़े होने की भी सूचना राज्य पुलिस खुफिया तंत्र को मिली है।

राज्य पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, राज्य में बदमाशों की कुंडली बनाने के दौरान सात गिरोहों को डी-लिस्ट भी किया गया है। इन सात गिरोहों के 52 बदमाशों की गतिविधियों पर राज्य की सिविल पुलिस और राज्य पुलिस का खुफिया तंत्र लगातार नजर गड़ाए हुए है।

इस विशेष अभियान के दौरान राज्य पुलिस ने 38 कुख्यात बदमाशों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया अमल में लाए जाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जबकि 51 अपराधियों की गिरफ्तारी पर राज्य पुलिस ने नकद पुरस्कार राशि की भी घोषणा की है।

अपराधियों के खिलाफ चलाए गए इस विशेष अभियान के दौरान 34 उन बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया, जिनकी गिरफ्तारी पर राज्य पुलिस महकमा 2500 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक के इनाम घोषित कर चुका था।

पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ने बताया, वर्ष 2015 से अब तक राज्य में सक्रिय भू-माफिया, शराब व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में सक्रिय अपराधियों के खिलाफ भी गिरोहबंदी कानून के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है। इस बाबत राज्य के तमाम जिला पुलिस मुख्यालयों और थानों को भी सूचित कर दिया गया है।

उन्होंने आगे कहा, राज्य के हर थाना क्षेत्र को शत-प्रतिशत सीसीटीवी कैमरों की हद में लाने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं। अपराधियों तक आसानी से पहुंचने के लिए सीसीटीवी फूटेज सबसे कामयाब नुस्खा साबित होगा। इसी कड़ी में राज्य सरकार और जन-सहयोग से अब तक 1207 सीसीटीवी कैमरों की स्थापना संभव हो सकी है।

— आईएएनएस