- पीएफ घोटाले के बाद एक्शन में मुख्यमंत्री !
- भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया बड़ा कदम !
- डिप्टी एसपी और सीईओ पद पर तैनात अफसरों को हटाया
- 7 PPS अफसरों को किया जबरन रिटायर
उत्तर प्रदशे में 26 अरब के भविष्य निधि यानी पीएफ घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ हल्ला बोल दिया है….भ्रष्टाचार के खिलाफ यूपी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है…. योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में एक बार फिर 7 पीपीएस अफसरों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया है….भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत योगी सरकार पहले भी कई अधिकारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है
योगी सरकार की तरफ से की गई इस कार्रवाई में अरुण कुमार (सहायक सेनानायक 15 वीं वाहिनी पीएसी आगरा), विनोद कुमार गुप्ता (पुलिस उपाधीक्षक जनपद फैजाबाद) , नरेंद्र सिंह राणा (पुलिस उपाधीक्षक जनपद आगरा) रतन कुमार यादव (सहायक सेनानायक पीएसी झांसी), तेजवीर सिंह यादव (27 वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर), संतोष कुमार सिंह (मंडला अधिकारी मुरादाबाद)और तनवीर अहमद खां शामिल हैं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुस्त कर्मचारियों और अधिकारियों को उम्र से पहले रिटायर करने का ऐलान जुलाई में किया था. सरकार ने 50 साल की उम्र में ही सुस्त अधिकारियों को रिटायरमेंट देने का फैसला किया था….बता दें कि योगी सरकार ने प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट में लगभग छह सौ अधिकारियों के नाम हैं। बताया जा रहा है कि चार सौ भ्रष्ट अधिकारियों को सरकार ने चेतावनी जारी की है और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।