दीपावली के मौके पर शुभकामनाओं का संदेश देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के घर आए… उनके साथ शिवपाल यादव मौजूद थे… लेकिन अखिलेश गायब रहे हैं…. अब मतलब समझिए क्यों अखिलेश नहीं दिखे…. क्योंकि वो ना सिर्फ केंद्र बल्कि यूपी में सीएम योगी को बख्शने के मूड में नहीं हैं…. बीजेपी को घेरने के लिए…. उसका विकल्प बनने के लिए अखिलेश अपनी राजनीति की साइकिल लगातार… बिना आराम किए… बिना थके…. लगातार… बदस्तूर… सिलसिलेवार तरीके से जारी रख रहे हैं…. अखिलेश के निशाने पर कोई है तो बीजेपी…. अब इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को भी तरीके से अपने निशाने पर ले रहे हैं…. अलग अलग मौकों पर अलग अलग तरीके से वार कर रहे हैं…. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गांधी जयंती के बाद सरदार पटेल जयंती को भी मना कर सियासत में अपनी धाकड़ रणनीति को फिट करने की कोशिश की है…. लखनऊ में मौजूद सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्होंने लौह पुरुष को याद किया….और फिर वो कहा… जिसे बीजेपी और आरएसएस सुनेगी… तो गुस्से की आग में जलने लगेगी… अखिलेश ने कहा कि वो सरदार वल्लभ भाई पटेल को उसी रूप में याद करेंगे जैसा कि उन्होंने RSS पर बैन लगाकर किया था…. आज फिर एक बार एक सरदार की आवश्यकता है… ऐसे सरदार की जो इन संगठनों पर बैन लगाए और ऐसी शक्तियों को रोके

अखिलेश यही नहीं रुके… अखिलेश ने सरदार पटेल के जन्मदिन पर कहा कि… देश में इस समय ऐसी ताकतें सक्रिय है जिनसे आपसी सौहार्द खत्म हो रहा है…. इस समय देश को फिर से एक सरदार की जरुरत है जो इन ताकतों पर अंकुश लगाए… आपको बता दें… कि सरदार पटेल के जन्मदिन को लेकर पहले ही सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सभी जिला अध्यक्षों, नगर अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि सरदार पटेल के जन्मदिन को बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में मनाया जाए…. जिसपर अमल किया गया… यानी मानकर चलिए… बीजेपी भारत के जिन रत्नों के नाम को आगे कर सियासत करेगी…. सपा ऐसा करने के लिए बीजेपी को अब खुली छुट नहीं देनी वाली है….. और ये भी मानिये लोकसभा चुनाव के बाद सपा की सोच में बदलाव की बयार जारी है